कंपनी के सभी माइंस की जांच हो – शैलेष नितिन त्रिवेदी
बैकुंठ सीमेंट प्रबंधक, ठेकेदारों द्वारा श्रमिक यूनियन के 9 प्रतिनिधियों को निलंबित करने के विरोध में पिछले दो दिनों से सैकड़ों श्रमिक कंपनी के मेन गेट के सामने धरने पर बैठे हुए हैं। श्रमिकों की मांग है कि नौ श्रमिकों वापस काम पर वापस लिया जाए और बातचीत के माध्यम से श्रमिकों और प्रबंधन के मध्य जारी विवाद को सुलझाया जाए। कांग्रेस ने हड़ताल का समर्थन किया है।
इस सिलसिले में प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, और यूनियन संरक्षक शंकर सिंह निर्मलकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन लेबर कमिश्नर, और एसडीएम के हस्तक्षेप के बावजूद यूनियन से बातचीत करने से इंकार कर रहा है। इससे ऐसा लगता है कि बैकुंठ सीमेंट वक्र्स प्रबंधक 56 वर्षों से संचालित उद्योग में तालाबंदी करना चाहता है।
उन्होंने बताया कि यूनियन द्वारा पिछले दो वर्षों से लगातार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय श्रममंत्री लखन लाल देवांगन, मंत्री विधायक टंक राम वर्मा सेंट्रल लेबर कमिश्नर कलेक्टर डिप्टी लेबर कमीशनर सहित अन्य अधिकारी नेताओं को लगातार आवेदन के माध्यम से श्रमिकों की मांगों से अवगत कराया जाता आ रहा है लेकिन किसी भी अधिकारी या मंत्री द्वारा आज तक संज्ञान नहीं लिया गया है ।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि बैकुण्ठ अल्ट्राटेक सीमेंट को दिए गए सभी माइंस का उच्चस्तरीय जांच की जाए तथा उनके राजस्व की चोरी पर कार्यवाही किया जाए। अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा अपने उत्पादन का 70 प्रतिशत क्लींकर बनाकर अन्य राज्यों को भेजा जा रहा है। जिसके कारण राज्य को राजस्व की हानि हो रही है।
उन्होंने कहा कि बैकुण्ठ सीमेंट वक्र्स बैकुंठ (अल्ट्राटेक सीमेंट) द्वारा एकतरफा निर्णय लेकर कारखाने की तालाबंदी करने के बाद लगभग दो हजार श्रमिक सडक़ पर आ गए हैं। उनकी रोजी रोटी छीन ली गई है। जिससे क्षेत्र का विकास थम जायेगा। इससे पूरे क्षेत्र में अल्ट्राटेक प्रबंधन के बीच भारी तनाव और आक्रोश व्याप्त है। गांव गांव में अल्ट्राटेक सीमेंट के विरुद्ध नौजवानों में आक्रोश बढ़ रही है। जो कभी भी विस्फोटक तथा औद्योगिक अशांति का कारण प्रमुख कारण बन जाएगा ।

