Dangerous Chinese Manjha : रायपुर : यहां घटना बेहद दर्दनाक और हृदयविदारक है। पतंग के मांजे से होने वाली ऐसी घटनाएं हर साल कई मासूम जिंदगियों को निगल रही हैं।
दिनांक 19 जनवरी 2025 रायपुर के संजय नगर राधा कृष्ण मंदिर, मेन रोड़ में घटी इस घटना में डुण्डा निवासी – एक मासूम 8 साल के बच्चे की जान चली गई, बच्चा अपने परिवार के साथ घूमने निकला था । पतंग के मांजे ने बच्चे के गले को गंभीर रूप से काट दिया, जिससे उसकी मौके पर हालत गंभीर हो गई ।
घटना स्थल पर मौजूद सैय्यद साजिद , मोईन चिश्ती संजय नगर निवासी ने तुरंत उपचार हेतु बच्चे को अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों की कोशिश के बावजूद बच्चे को बचाया नहीं जा सका। यह घटना पतंगबाजी में इस्तेमाल होने वाले खतरनाक मांजे के दुष्प्रभाव को उजागर करती है।
Dangerous Chinese Manjha : नायलॉन या कांच के टुकड़े से बना Dangerous Chinese Manjha यह मांझा इतना तेज होता है कि इससे जानलेवा घाव भी हो सकते हैं। पतंगबाज इसका इस्तेमाल अपने विरोधियों की पतंग काटने के लिए करते हैं।
राज्य सरकार ने एक अधिसूचना में इन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया, लेकिन फिर भी ये पतंग के शौकीनों के हाथों में पहुंच गए।
निजी अस्पताल ने खाली हाथ लौटाया
मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हुए पुष्कर को उसके पिता इलाज के लिए सिद्धार्थ चौक और बैरनबाजार स्थित एक निजी अस्पताल ले गए। दोनों ही अस्पतालों ने पुष्कर की हालत देखकर उसका इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद धनेश अपने बेटे की जान बचाने के लिए उसे अंबेडकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
पिता के साथ बगीचे में जा रहा था मासूम
रविवार होने के कारण धनेश जल्दी घर पहुंच गया। वह हाथ-मुंह धोने के बाद खाना खा रहा था। इस दौरान पुष्कर ने अपने पिता से बगीचे में घुमाने की जिद की। बाद में जब उसे टहलने जाने की बात बताई गई तो पुष्कर रोने लगा। इस दौरान बच्चे के पिता का दिल पिघल गया और धनेश अपने बेटे पुष्कर को बाइक के आगे बैठाकर कटोरा तालाब बगीचे की ओर निकल पड़ा, इसी दौरान यह हादसा हो गया।
बच्चे के पिता धनेश के शब्दों में
मैं अपने बेटे को बगीचे में घुमाने ले जा रहा था। जैसे ही मैं संतोषी नगर ओवरब्रिज पार करके राधाकृष्ण मंदिर की ओर जाने वाले मोड़ पर पहुंचा तो मेरा बेटा जोर-जोर से रोने लगा। इसके बाद मैंने रोते हुए बच्चे को शांत करने के लिए बाइक रोकी। मैंने देखा तो मेरे बेटे की गर्दन से खून की तेज धार बह रही थी। यह देखकर मैं डर गया, मुझे कुछ भी सूझ नहीं रहा था।
इसके बाद आसपास के चाय, पान के ठेले वाले और अन्य लोग मेरी मदद के लिए आए और एंबुलेंस का इंतजाम कर पुष्कर को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान बच्चे को इलाज के लिए सिलदार्थ चौक और बैरनबाजार स्थित निजी अस्पतालों में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया। अगर बच्चे का इलाज निजी अस्पताल में पहले हो जाता तो उसकी जान बच सकती थी।
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एक अन्य घटना में रविवार शाम करीब 5:45 बजे पेशे से वकील और डीडी नगर सेक्टर-4 निवासी पूर्णशा कौशिक की गर्दन चाइनीज मांझे में उलझकर घायल हो गई। महिला वकील एक्सप्रेस-वे के रास्ते रेलवे स्टेशन जा रही थी।
उसी समय सिटी सेंटर के पास एक्सप्रेस-वे के नीचे कुछ लोग पतंग उड़ा रहे थे। पूर्णशा अपनी सुजुकी एक्सेस से एक्सप्रेस-वे के ऊपर से गुजर रही थी, तभी मांझा पूर्णशा के गले में फंस गया। खुद को बचाने के लिए उसने चलती गाड़ी में ही मांझे को हाथ में पकड़ लिया। हाथ में मांझा फंसने से बच्ची का अंगूठा बुरी तरह जख्मी हो गया। मांझे से घायल महिला वकील के गले में चार टांके आए हैं।