ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर BJP प्रदेश अध्‍यक्ष की चेतावनी, शिवपाल ने दिया सपा में आने का न्‍यौता

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लेंस डेस्‍क। UP Brahmin MLA meeting: यूपी की सियासत में इन दिनों एक सहभोज की चर्चा खूब हो रही है। चर्चा इसलिए क्‍योंकि इसमें करीब 40 ब्राह्मण विधायकों और एमएलसी का जुटान हुआ। शीतकालीन सत्र के दौरान 23 दिसंबर को लखनऊ में कुशीनगर से बीजेपी विधायक पी.एन. पाठक (पंचानंद पाठक) के सरकारी आवास पर यह आयोजन हुआ था। यह सहभोज ठाकुर विधायकों की पिछली ‘कुटुंब’ बैठक के बाद हुई है।

यूपी में 52 ब्राह्मण विधायक हैं (जिनमें से 46 बीजेपी के) और ब्राह्मण वोट बैंक (लगभग 10-12%) चुनावों में निर्णायक होता है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह 2027 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के भीतर जातीय संतुलन और प्रतिनिधित्व की मांग का संकेत है, खासकर जब कुर्मी समाज के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि बीजेपी इसे सामाजिक आयोजन बता रही है।

बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मणों की मदद के लिए एक फंड बैंक बनाने का फैसला लिया गया। इसमें रिटायर्ड जज, वकील, डॉक्टर और प्रभावशाली लोगों को शामिल करने की योजना है। साथ ही, हाल की घटनाओं (जैसे लखनऊ, भदोही, गोंडा और बहराइच में ब्राह्मणों के साथ कथित अन्याय और मौतों) पर चिंता जताई गई और पीड़ित परिवारों के साथ खड़े होने की बात हुई। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि जाति-आधारित राजनीति में ब्राह्मणों की घटती भूमिका और प्रतिनिधित्व पर भी चर्चा हुई। अगली बैठक जनवरी में प्रस्तावित है।

UP Brahmin MLA meeting: BJP प्रदेश अध्‍यक्ष ने क्‍या कहा?

भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने पार्टी के जनप्रतिनिधियों को सख्त चेतावनी दी है कि वे किसी भी प्रकार की नकारात्मक या विभाजनकारी राजनीति से दूर रहें और पार्टी के मूल सिद्धांतों से कभी समझौता न करें।

उन्होंने हाल ही में मीडिया में चर्चित एक खबर का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ विधायकों ने विधानसभा सत्र के दौरान एक खास समुदाय को लक्षित करके विशेष भोज का आयोजन किया था। श्री चौधरी ने इसे पार्टी की विचारधारा और संविधान के पूरी तरह विपरीत बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और भविष्य में दोहराव होने पर इसे अनुशासनहीनता मानकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा एक मूल्यों और सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी है, जो किसी जाति, वर्ग या समाज विशेष के आधार पर राजनीति नहीं करती। कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि पार्टी ने हमेशा ऐसी गतिविधियों से दूरी बनाए रखने का निर्देश दिया है, जो समाज में गलत संदेश फैलाती हों।

पंकज चौधरी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने विकास, एकता और राष्ट्रवाद को केंद्र में रखकर राजनीति की है। उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां जातिवाद पर आधारित राजनीति करने में नाकाम साबित हो रही हैं, जिसके कारण वे लगातार हमला करने की कोशिश कर रही हैं।

UP Brahmin MLA meeting: सहभोज में शामिल प्रमुख विधायक

इस सहभोज बैठक का आयोजन पी.एन. पाठक ने किया था। जिसमें अनिल पाराशर, कैलाशनाथ शुक्ला, प्रकाश द्विवेदी, रमेश मिश्र, शलभमणि त्रिपाठी, विपुल दुबे, राकेश गोस्वामी, सुनील दत्त द्विवेदी, धर्मेंद्र सिंह भूमिहार, रवि शर्मा, विनोद चतुर्वेदी, संजय शर्मा, विवेकानंद पाण्डेय, अनिल त्रिपाठी, अंकुर राज तिवारी, साकेत मिश्र, बाबूलाल तिवारी, विनय द्विवेदी, सुभाष त्रिपाठी, प्रेमनारायण पाण्डेय, ज्ञान तिवारी, रत्नाकर मिश्र, उमेश द्विवेदी सहित अन्‍य शामिल थे।

सियासी प्रतिक्रियाएं

UP Brahmin MLA meeting: बीजेपी की तरफ से बैठक को सामाजिक और अनौपचारिक बताया गया। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विधानसभा सत्र में विधायक अक्सर मिलते हैं, इसे ब्राह्मण या किसी जाति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। आयोजक पी.एन. पाठक ने इसे सिर्फ लिट्टी-चोखा और फलाहार के साथ भोज बताया।

विपक्ष ने इसे बीजेपी के आंतरिक असंतोष का संकेत माना। समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडेय ने इसे पार्टी का आंतरिक मामला कहा, जबकि अतुल प्रधान ने कहा कि इससे बीजेपी की हार तय है। शिवपाल यादव ने भारत समाचार टीवी चैनल को दिए बयान में ब्राह्मणों को सपा में आने का न्योता दिया।

बीजेपी विधायक दीपक मिश्रा (शाका) ने बैठक पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि जाति की बात करने वाले राजनीति छोड़ दें, क्योंकि जाति-आधारित नेतृत्व से राष्ट्र का पतन होता है।





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