हाई कोर्ट ने बताया अमानवीय कृत्य, सरकार को दिया दो लाख मुआवजे का आदेश

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हाई कोर्ट ने बताया अमानवीय कृत्य, सरकार को दिया दो लाख मुआवजे का आदेश


16-Oct-2025 12:44 PM

एचआईवी संक्रमित मां के नवजात पर तख्ती लगाने का मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 16 अक्टूबर। रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में नवजात शिशु के सीने पर इसकी मां एचआईवी पॉजिटिव है लिखी तख्ती लगाने की घटना को हाई कोर्ट ने अमानवीय और असंवेदनशील बताते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि नवजात के माता-पिता को चार सप्ताह के भीतर दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने यह आदेश मंगलवार को दिया। अदालत ने इस प्रकरण का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की थी। 10 अक्टूबर 2025 को अस्पताल में नवजात के सीने पर तख्ती लगाई गई थी, जिस पर लिखा- इसकी मां एचआईवी पॉजिटिव है। यह देखकर पिता और परिजन भावुक हो उठे थे। घटना की खबर मीडिया में आने के बाद हाई कोर्ट ने तत्काल मुख्य सचिव को जांच कर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए थे।

मुख्य सचिव ने 14 अक्टूबर को अदालत में रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया गया कि चिकित्सा शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई थी, जिसने विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपी है। राज्य सरकार ने बताया कि एचआईवी,एड्स (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल) एक्ट के प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को मरीजों की गोपनीयता बनाए रखने और भेदभाव रोकने के निर्देश जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों के लिए संवेदनशीलता बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं।

अदालत ने कहा कि किसी भी मरीज की पहचान या उसकी बीमारी को सार्वजनिक करना निजता और गरिमा के अधिकार का उल्लंघन है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है। हाई कोर्ट ने इसे न केवल असंवेदनशील बल्कि असंवैधानिक हरकत बताते हुए चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे।



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