प्रिज़्म ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स, महका खुर्द, उतई में “आयुर्वेद – जीवन का संपूर्ण विज्ञान” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

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उतई। प्रिज़्म ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स, महकाखुर्द, उतई में बुधवार को “आयुर्वेद – जीवन का संपूर्ण विज्ञान” विषय पर एक दिवसीय शैक्षणिक संगोष्ठी का आयोजन बड़े उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। इस अवसर पर आयुर्वेद के क्षेत्र की प्रतिष्ठित विशेषज्ञा डॉ. सरला बांधे एवं डॉ. विजेता वर्मा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं।

संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों का स्वागत वंदन के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्था की प्राचार्या डॉ. अंजना शरद, श्रीमती सीमा कश्यप, एवं श्री ललित कुमार साहू प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन शिवानी सिंह ने कुशलता से किया, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को सुचारू रूप से संयोजित करते हुए सभी वक्ताओं और अतिथियों का परिचय दिया।

मुख्य विषयवस्तु पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. सरला बांधे ने आयुर्वेद के प्राचीनतम सिद्धांतों को वर्तमान जीवन शैली में अपनाने के लाभ बताए। उन्होंने कहा कि “आयुर्वेद मात्र चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि एक जीवन जीने की कला है।” उन्होंने दिनचर्या, आहार-विहार, पंचकर्म और स्वाभाविक जीवनशैली पर विस्तार से चर्चा की।

वहीं डॉ. विजेता वर्मा ने आज की युवा पीढ़ी में बढ़ते मानसिक तनाव, नींद की समस्याएं, असंतुलित खान-पान और डिजिटल युग के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से इन सभी समस्याओं का समाधान संभव है। उन्होंने कई उपयोगी सुझाव भी साझा किए जो विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुए।

प्राचार्या डॉ. अंजना शरद ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा, “ऐसे आयोजन छात्रों को न केवल शैक्षणिक जानकारी प्रदान करते हैं, बल्कि भारतीय परंपरा एवं संस्कृति के वैज्ञानिक पक्ष से भी परिचित कराते हैं। आयुर्वेद हमारे गौरवशाली अतीत की धरोहर है, जिसे अपनाकर हम एक स्वस्थ एवं संतुलित जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं।”

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आई टी आई, फार्मेसी, बी एड की छात्र-छात्राओं, शिक्षकगणों एवं अन्य स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। सहभागियों ने प्रश्नोत्तरी सत्र में उत्साहपूर्वक भाग लेकर विशेषज्ञों से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया।

अंत में, श्रीमती सीमा कश्यप ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियां छात्रों को समग्र विकास की ओर प्रेरित करती हैं। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे सार्थक आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया।



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