रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक सुधार करते हुए सलामी गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) की पुरानी व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं। अब राज्य के मंत्री, गृहमंत्री, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सामान्य दौरों, जिलों के निरीक्षण, भ्रमण या आगमन-प्रस्थान के दौरान सलामी गारद नहीं दी जाएगी।
गृह विभाग ने 19 दिसंबर को जारी आदेश में कहा है कि यह औपनिवेशिक (Colonial) व्यवस्था को खत्म करने और पुलिस बल की कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। हालांकि, कुछ खास मौकों पर गार्ड ऑफ ऑनर की परंपरा निभाई जाती रहेगी।
राष्ट्रीय आयोजन जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, शहीद पुलिस स्मृति दिवस और राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर), राजकीय समारोह, पुलिस दीक्षांत परेड आदि पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।
राज्यपाल, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति सहित विशेष अतिथियों के लिए यह व्यवस्था पहले की तरह ही रहेगी।

