Bhupesh Baghel On Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अंधविश्वास वाले बयान पर शास्त्री ने गुरुवार को कड़ा पलटवार किया था उन्होंने कहा था कि हनुमान जी की भक्ति और राष्ट्रवाद को अंधविश्वास कहने वालों को देश छोड़ देना चाहिए। इस पर अब राजनीतिक हलचल बढ़ गई है और भूपेश बघेल का फिर से पलटवार आ आ गया है। बघेल ने शास्त्री को ‘कल का बच्चा’ बताते हुए कड़ा हमला बोला है। इस बयानबाजी को इस पोस्ट के जरिए शुरू से समझिये –
क्या कहा था भूपेश बघेल ने?
कुछ दिन पहले दुर्ग में एक कार्यक्रम में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कथावाचकों पर निशाना साधा था। उन्होंने पंडित प्रदीप मिश्रा और धीरेंद्र शास्त्री का नाम लेकर कहा कि ये कथावाचक न तो शिव जी के बारे में बताते हैं और न ही हनुमान जी के बारे में। सिर्फ टोटके और अंधविश्वास की बातें करते हैं। बघेल ने कहा कि समाज जितना पढ़ा-लिखा हो रहा है, उतना ही अंधविश्वासी भी बनता जा रहा है। आम लोग इन कथावाचकों से ज्यादा जानते हैं कि शिव कौन हैं, हनुमान कौन हैं और पूजा कैसे होती है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू कभी खतरे में नहीं था, लेकिन कुछ लोग डर दिखाकर राजनीति कर रहे हैं।
क्या था धीरेंद्र शास्त्री का पलटवार ?
भिलाई के जयंती स्टेडियम में हनुमंत कथा के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भूपेश बघेल के बयान का सीधा जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं नेता नहीं हूं, इसलिए राजनीतिक बयानों पर आमतौर पर नहीं बोलता लेकिन यह मुद्दा सनातन संस्कृति और भक्ति का है, इसलिए बोलना जरूरी है।” शास्त्री ने आगे कहा कि हिंदू समाज को एकजुट करना, हनुमान जी की भक्ति फैलाना और राष्ट्रवाद जगाना अगर अंधविश्वास है, तो जिन्हें ऐसा लगता है, वे देश छोड़ दें। सनातन धर्म, भक्ति और राष्ट्रभाव को अंधविश्वास कहना दुर्भाग्यपूर्ण है।’
‘हमको सनातन धर्म सिखाने की जरूरत नहीं, उनका बाप भी मुझसे छोटा होगा’- भूपेश बघेल
देश छोड़ देने वाले बयान पर जवाब में भूपेश बघेल ने शास्त्री को ‘कल का बच्चा’ बताते हुए कड़ा हमला बोला है, बघेल ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ में सिर्फ पैसा बटोरने आते हैं, बीजेपी के एजेंट की तरह काम करते हैं उनका जन्म नहीं हुआ था तब से मैं हनुमान चलीसा पढ़ रहा हूं, मेरा बेटा भी उनसे 10 साल बड़ा है और उनका बाप भी मुझसे छोटा होगा, हमको सनातन धर्म सिखाने की जरूरत नहीं, यहां कबीर और गुरु घासीदास की वाणी गूंजती है, दिव्य दरबार से लोग ठीक हो रहे हैं तो मेडिकल कॉलेज क्यों खोल रहे हैं, दूसरे प्रदेश में होते तो इतना बोल नहीं पाते और छत्तीसगढ़ के किसी साधु-संत से शास्त्रार्थ करने की चुनौती भी देता हूं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में एक धार्मिक आयोजन के लिए बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छत्तीसगढ़ आये हैं,, भिलाई के जयंती स्टेडियम में 25 से 29 दिसंबर तक दिव्य हनुमंत कथा का वाचन किया जा रहा है लेकिन शास्त्री जी का आगमन भी विवादों में है, दरअसल वे छत्तीसगढ़ सरकार के प्लेन से यहाँ पहुंचे, साथ में राज्य मंत्री गुरु खुशवंत साहब भी थे।

