टोकन के बिना धान खरीदी का बड़ा खेल….झीट सेवा सहकारी समिति में नियम ताक पर, 1000 कट्टे धान स्टॉक में जमा होने का आरोप

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पाटन। सरकार जहां बार-बार स्पष्ट कर चुकी है कि बिना टोकन एक दाना भी धान नहीं खरीदा जाएगा,छोटे, बड़े सब किसानो के लिए टोकन कि अलग – अलग नियन बनाये गए है. वहीं झीट सेवा सहकारी समिति में इसके ठीक उलट नियमों को खुलेआम तोड़ने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि यहां बिना टोकन काटे ही किसानों के धान की तौल कराई गई, सिलाई कर उसे सीधे खरीदी केंद्र के स्टॉक में जमा कर दिया गया।
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि झीट खरीदी केंद्र में करीब एक हजार कट्टे धान बिना टोकन के ही जमा कर दिए गए, जिससे पूरे धान खरीदी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यदि आरोप सही हैं, तो यह तय है कि यह सब बिना उच्चस्तरीय संरक्षण के संभव नहीं।
सूचना मिलते ही भूपेश बघेल पहुंचे केंद्र, जांच के निर्देश
मामले की जानकारी मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधायक पाटन भूपेश बघेल सीधे झीट खरीदी केंद्र पहुंचे। उन्होंने मौके पर मौजूद तहसीलदार पाटन पवन ठाकुर को मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।

भूपेश बघेल ने कहा कि नियमों के अनुसार बिना टोकन बारदाना तक नहीं दिया जाता, लेकिन यहां तो बारदाना देकर धान की तौल, सिलाई और स्टॉक तक कर दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कई किसान ऐसे हैं, जिनके टोकन एक माह पहले कट चुके हैं और वे अब तक धान बेचने नहीं आए, तो फिर बिना टोकन धान स्टॉक में कैसे पहुंच गया?
250 कट्टे बिना टोकन होने की मौके पर पुष्टि
बिना टोकन धान स्टॉक होने की सूचना पर दुर्ग कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के जिलाध्यक्ष राकेश ठाकुर भी सुबह-सुबह खरीदी केंद्र पहुंचे। जब उन्होंने समिति प्रबंधन से जवाब मांगा तो मौके पर ही 250 कट्टे धान बिना टोकन के जमा होने की पुष्टि हो गई।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि समिति प्रबंधक सौरभ यादव ने स्वयं इसे स्वीकार किया, इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होना कई संदेहों को जन्म देता है।
राकेश ठाकुर ने कहा कि यदि दो-चार किसानो कि धान के कट्टों की बात होती तो समझ में आता, लेकिन यहां तो किसी कोचिंये के 100 कट्टे, किसी के 98 कट्टे धान रखे हैं। यह सीधे तौर पर कोचियों के धान की अवैध खरीदी है।

प्रशासन हरकत में, स्टॉक व बारदाने की गिनती शुरू

मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार पवन ठाकुर ने नए व पुराने बारदाने के साथ-साथ स्टॉक में रखे धान की विस्तृत गिनती शुरू कराई। सहकारिता विभाग की टीम भी मौके पर मौजूद है। प्रशासन का कहना है कि पूरी गिनती के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी और उसी आधार पर कार्रवाई तय की जाएगी।

मामला गरमाया तो खुद पहुंचने लगे धान मालिक

जैसे-जैसे बिना टोकन धान स्टॉक होने का मामला सामने आया, वैसे-वैसे वे लोग भी खुद खरीदी केंद्र पहुंचने लगे जिन्होंने बिना टोकन धान जमा किया था। कोई 100 कट्टे, कोई 98 कट्टे, तो कोई अन्य संख्या बता रहा है। सभी की जानकारी तहसीलदार द्वारा दर्ज की जा रही है।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी दुर्ग ग्रामीण राकेश ठाकुर,पूर्व ओएसडी आशीष वर्मा, जवाहर वर्मा, मोनू साहू, अंशु रजक, अनिल चंद्राकर, धर्मेंद्र साहू, गोपाल देवागन, धर्मेंद्र वर्मा ,सहित अन्य उपस्थित थे।



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