पाटन। जनपद पंचायत पाटन में बुधवार को आयोजित सामान्य सभा की बैठक में धान खरीदी व्यवस्था और शिक्षा व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने तीखे तेवर दिखाए। बैठक में पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई।
सहकारी समितियों में धान खरीदी शुरू हो गई है, लेकिन ऑनलाइन–ऑफलाइन टोकन व्यवस्था किसानों के लिए बड़ी समस्या बन रही है। जो किसान मोबाइल ऐप का उपयोग नहीं कर पाते, वे टोकन कटवाने में भारी परेशानी झेल रहे हैं।
इसी मुद्दे पर जनपद सदस्य दिनेश साहू ने टोकन प्रणाली पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा—
“छोटे किसान जिनकी जमीन 2 एकड़ से कम है, उन्हें मात्र 1 टोकन, मध्यम वर्ग के किसानों को 2 टोकन और 10 एकड़ से अधिक भूमि वाले बड़े किसानों को 3 टोकन देने का नियम पूरी तरह गलत है। यदि कोई किसान किसी कारण निर्धारित दिन पर धान बेचने से चूक जाता है, तो उसे दोबारा टोकन ही नहीं मिलता। यह किसानों के साथ अन्याय है।”
दिनेश साहू ने धान खरीदी के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा—
“पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गांव–गांव में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले थे, जहां गरीब परिवारों के बच्चे भी अंग्रेज़ी माध्यम में शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। लेकिन वर्तमान में आत्मानंद स्कूलों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। हालत यह है कि शासकीय स्कूलों में परीक्षाएं नजदीक हैं और कई स्कूलों में पढ़ाई के लिए पुस्तकों तक का अभाव है।
विपक्ष ने प्रशासन से धान खरीदी व्यवस्था और शिक्षा व्यवस्था दोनों में तत्काल सुधार की मांग की।

