
हरिद्वार । राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ, शिक्षा एवं प्रशिक्षण संकाय तथा वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग द्वारा 18 से 25 नवंबर के मध्य विश्व रोगाणु रोधी प्रतिरोधकता जागरूकता सप्ताह का आयोजन गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के परिसर में किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशानुसार इस सप्ताह के आयोजन का उद्देश्य छात्रों, अविभावकों एवं समाज के सभी वर्गों में एंटीबायोटिक दवाओं के ठीक प्रकार से उपयोग के बारे में जागरूकता का प्रचार-प्रसार करना है ।
आज के समय में मानव, जीव-जंतु, पेड़-पौधे तथा पर्यावरण बदलते परिवेश के कारण प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से प्रभावित हो रहे हैं, जिससे मानव एवं जीव जंतुओं की प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे कम हो रही है। इसके साथ-साथ विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे भी विलुप्ति के कगार पर हैं । प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण सामान्य से सामान्य जीवाणु भी आज विभिन्न प्रकार के रोग पैदा करते हैं, जिनसे बचने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाओं का उपयोग किया जाता है ।
इस अवसर पर डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. संदीप कुमार डॉ. वरिंदर वाहला, डॉ विपिन कुमार, डॉ. अश्वनी कुमार, व डॉ. कल्पना सागर ने एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के बारे में तथा अपने जीवन को सुरक्षित रखने हेतु विभिन्न प्रकार की जानकारियां साझा की । बताया गया कि बिना डॉक्टर के परामर्श के ऐसी दवाई ना लें जो हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव डालती हो तथा जिसके भविष्य में भयंकर दुष्परिणाम भुगतने पड़े। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर हेमलता के ने छात्रों के स्वस्थ जीवन कामना करते हुए संदेश दिया कि 21वीं सदी में स्वस्थ रहने के लिए हमें विभिन्न पहलुओं पर काम करने की आवश्यकता है क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।

