संबलपुर। ओडिशा के संबलपुर में एक प्रवासी मजदूर को बांग्लादेशी समझकर पीट पीट कर हत्या कर दी गई। घटना 24 दिसंबर की बताई जा रही है, जो अब सामने आई है।
प्रवासी मजदूर पश्चिम बंगाल के सूती (मुर्शिदाबाद) का रहने वाला था। जिसके दो नाम जुएल राना या जुएल शेख बताये जा रहे हैं। उसकी उम्र 20 वर्ष थी। वह पहली बार बंगाल से बाहर काम की तलाश में गया था।
दो अन्य बंगाली मजदूर भी गंभीर रूप से घायल हैं और उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। ओडिशा पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
पीड़ित की मां नजमा बीबी ने सूती पुलिस को दिए लिखित शिकायत में बताया कि जुएल 20 दिसंबर को संबलपुर गया था। 24 दिसंबर की शाम करीब 8:30 बजे उन्हें फोन आया कि कुछ स्थानीय लोगों ने उनके बेटे और सहकर्मियों पर हमला कर दिया। हमलावरों ने उन्हें बंगाली बोलने वाले बांग्लादेशी बताकर मारने की धमकी दी और लाठियों, लोहे की रॉडों और धारदार हथियारों से पीटा। जुएल घटनास्थल पर ही मारा गया, जबकि बाकी घायल अस्पताल में हैं।
जुएल के पिता जियाउल हक भी मिस्त्री हैं और फिलहाल केरल में काम कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार, यह घटना एक निर्माणाधीन इमारत के पास हुई, जहां स्थानीय युवकों ने मजदूरों से बीड़ी मांगी। बाद में उन्होंने आधार कार्ड दिखाने की मांग की, जिससे विवाद बढ़ा और हिंसा में बदल गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संबलपुर के एसपी मुकेश भामू ने कहा कि एक व्यक्ति की मौत हुई है, दो घायल हैं और छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जांच जारी है।
एक प्रत्यक्षदर्शी नौशाद अली ने बताया कि मजदूर आग के पास बैठे थे, जब कुछ युवक बीड़ी मांगने आए। उसके बाद उन्होंने उन्हें बांग्लादेशी कहकर हमला कर दिया।
इस घटना ने संबलपुर में बंगाली बोलने वाले मजदूरों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। कई मजदूरों ने कहा कि उन्हें अक्सर बांग्लादेशी समझकर निशाना बनाया जाता है।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इसे बीजेपी शासित राज्य में बंगालियों के खिलाफ नफरत का नतीजा बताया है। वहीं, ओडिशा पुलिस के आईजीपी हिमांशु लाल ने दावा किया कि यह घटना पैसे के विवाद से शुरू हुई और इसमें कोई सांप्रदायिक या भाषाई एंगल नहीं है।

