महिला आयोग ने DGP को लिखा पत्र : महिला सुरक्षा पर कड़े निर्देश जारी करने की मांग

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छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि सभी थाना और पुलिसकर्मियों को यह सख्त हिदायत दी जाए कि महिलाओं द्वारा दर्ज कराए गए शिकायत आवेदन पर त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई की जाए। आयोग ने यह भी निर्देशित किया है कि आवेदन की गोपनीयता भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

महिला आयोग की अध्यक्ष, डॉ. किरणमयी नायक, ने कहा कि किसी भी महिला आवेदिका के अधिकार और गोपनीयता का उल्लंघन गंभीर अपराध है और इसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

शिकायत का मामला और कार्रवाई
राज्य महिला आयोग के पास दर्ज एक शिकायत में रायपुर की एक महिला ने आरोप लगाया कि वकालत के पेशे में होने के कारण उसके ससुराल वाले उसके साथ दुर्व्यवहार करते हैं और उसे बेइज्जत करते हैं। महिला ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत के अनुसार, संबंधित थाने के प्रधान आरक्षक ने महिला के आवेदन की गोपनीयता भंग करते हुए जानकारी उसके ससुर को दे दी। इसके बाद ससुराल वालों ने महिला को धमकी दी कि, “पुलिस वाला हमारा रिश्तेदार है, जो करना है कर लो।”

महिला आयोग की सुनवाई के दौरान, रिटायर्ड प्रधान आरक्षक और शिकायतकर्ता के बीच समझौता हुआ। हालांकि, आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक से समूचे प्रदेश में महिलाओं की शिकायतों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की अनुशंसा की।

आयोग का सख्त रुख
महिला आयोग ने स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

डॉ. किरणमयी नायक ने कहा, “महिलाओं की शिकायतों को प्राथमिकता और संवेदनशीलता के साथ लेना जरूरी है। गोपनीयता भंग करना न केवल उनके अधिकारों का हनन है, बल्कि यह न्याय प्रक्रिया में भी बाधा डालता है।”

यह कदम महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए राज्य महिला आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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