नई दिल्ली। आज सोमवार 8 दिसंबर को भारतीय संसद इतिहास रचने जा रही है। राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ (Vande Matram) की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पूरे दिन विशेष चर्चा होगी। यह पहला मौका होगा जब संसद में हमारे राष्ट्रीय गीत पर इतना विस्तृत और समर्पित विचार-विमर्श होगा। इस चर्चा में गीत के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व को रेखांकित किया जाएगा।
मीडिया में आयी रिपोर्ट्स के मुताबिक लोकसभा में ठीक दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चर्चा की शुरुआत करेंगे। इसके बाद विभिन्न दलों के सांसद अपनी बात रखेंगे और बहस का समापन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। राज्यसभा में भी इसी तरह की विशेष चर्चा होगी जिसमें गृह मंत्री अमित शाह के शुरुआत करने की पूरी संभावना है। सूत्रों के मुताबिक दोनों सदनों में चर्चा करीब 4-5 घंटे तक चलेगी।
विपक्ष भी पूरी ताकत से हिस्सा ले रहा है। कांग्रेस ने अपने 8 प्रमुख नेताओं को बोलने के लिए चुना है, गौरव गोगोई (उप नेता प्रतिपक्ष), प्रियंका गांधी वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, बिमोल अकोइजाम, प्रणीति शिंदे, प्रशांत पडोले, चमाला किरण कुमार रेड्डी और ज्योत्सना महंत। ये नेता ‘वंदे मातरम’ की वैचारिक विरासत और स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका पर अपनी बात रखेंगे।
‘वंदे मातरम’ को बंकिम चंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को लिखा था और 1882 में अपने उपन्यास ‘आनंदमठ’ में शामिल किया। रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्ध किया था। स्वतंत्रता आंदोलन में यह गीत क्रांतिकारियों का सबसे बड़ा नारा बना। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने इसे आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया। आज संसद में होने वाली यह चर्चा देश की भावनात्मक एकता और सांस्कृतिक विरासत को नई ऊंचाई देने वाली होगी।

