Sulakshana Pandit: सिनेमा और संगीत जगत

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नई दिल्ली। हिन्दी फिल्म और संगीत जगत की जानी-मानी हस्ती सुलक्षणा पंडित का 71 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं। निधन का कारण आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है, लेकिन बताया जा रहा है कि उनकी तबीयत पिछले कई दिनों से खराब थी। नानावती अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से इंडस्ट्री और प्रशंसकों में शोक की लहर है।

संगीत परिवार से थीं जुड़ी

सुलक्षणा पंडित का जन्म 1954 में हुआ था। वे एक प्रतिष्ठित संगीत परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके चाचा पंडित जसराज भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान कलाकार थे। उनके तीन भाई और तीन बहनें हैं, जिनमें उनके भाइयों की जोड़ी ‘जतीन-ललित’ संगीतकार के रूप में मशहूर हुई।

उन्होंने नौ साल की उम्र में संगीत की शुरुआत की और 1967 में प्लेबैक सिंगिंग में कदम रखा। 1975 में फिल्म ‘संकल्प’ के गाने ‘तू ही सागर है तू ही किनारा’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर अवॉर्ड मिला था।

अभिनय में भी छोड़ी अपनी पहचान

सुलक्षणा ने 1970 और 80 के दशक में एक्टिंग में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘Uljhan’ (1975) और ‘Sankoch’ (1976) प्रमुख हैं। गायिकी और अभिनय—दोनों क्षेत्रों में उनका करियर सफल रहा, हालांकि बाद के वर्षों में उन्हें निजी और पेशेवर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

ताउम्र अकेली रहीं

सुलक्षणा पंडित ने कभी शादी नहीं की। उनके निजी जीवन में अभिनेता संजीव कुमार से जुड़ी एक अनकही कहानी ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया था। उम्र के अंतिम पड़ाव में उन्हें स्वास्थ्य और आर्थिक कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा।

उनके निधन से फिल्म और संगीत जगत ने एक ऐसी आवाज और कलाकार खो दिया है, जिसकी मधुर गायिकी और भावपूर्ण अदाकारी हमेशा याद रखी जाएगी।

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