Protest by the disabled : राजधानी में रात साढ़े 12 बजे नि:शक्तों का धरना

NFA@0298
4 Min Read


रायपुर। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के आह्वान पर बुधवार को पूरे प्रदेश के नि: शक्तों ने राजधानी की सड़कों पर देर रात तक आंदोलन किया। नि:शक्त जनों के इस आंदोलन ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया। उन्हें सड़कों से हटाने की रात करीब साढ़े 12 बजे तक पुलिस कोशिश करती रही। इसके बाद आंदोलन का नेतृत्व कर रहे लोगों को कार्रवाई का डर दिखाकर पुलिस की बस से ही अभनपुर अस्थाई धरना स्थल रवाना कर दिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की वजह से शहर से करीब 20 किमी दूर तूता माना के धरना स्थल को अस्थाई तौर पर बंद कर अभनपुर में अस्थाई धरना स्थल बनाया गया है।

दरअसल, अपनी मांगों को लेकर संघ ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वे 29 अक्टूबर से अनिश्चित कालीन धरने पर बैठेंगे। चूंकि तूता माना धरना स्थल नया रायपुर के राज्योत्सव स्थल से लगा हुआ है, इसलिए संघ के ऐलान के बाद रायपुर कलेक्टर ने धरना स्थल के संधारण का हवाला देते हुए अनिश्चित काल के लिए तूता माना में किसी भी तरह के धरना, प्रदर्शन, रैली पर रोक लगा दी गई।

रोक लगाने के दौरान कलेक्टर डॉ. गौरव सिहं ने यह आदेश दिया था कि संधारण कार्य की वजह से इसे बंद किया जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन के अफसरों की मानें तो अस्थाई तौर 2 नवंबर तक के लिए इसे बंद किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर यह आदेश निकाला गया था, कि प्रधानमंत्री को रायपुर प्रवास के दौरान आंदोलन का पता न चल जाए।  

इस वजह से आंदोलन कारी राजधानी का हृदय कहे जाने वाले घड़ी चौक में ही वे धरने पर बैठ गए। वे मांगे पूरी नहीं होने तक सड़कों से हटने से मना करते रहे। रात करीब साढ़े 12 बजे घड़ी चौक में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में आंदोलनकारियों को रात साढ़े 12 बजे हटाया गया।

आंदोलनकारी अपने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अंतिम लड़ाई का ऐलान करने के साथ ही बुधवार से आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन के तहत बुधवार की सुबह से घड़ी चौक में वे धरने पर बैठ गए। एक-एक करके प्रदेशभर से आए नि:शक्त वहां इकट्‌ठे हो गए। इसके बाद सरकार की वादाखिलाफी पर जमकर सरकार को घेरा।

प्रशासनिक अमला बुधवार की शाम से उन्हें यहां से हटाने की कोशिशों में लगा रहा, लेकिन कामयाब नहीं हो सका। आखिर में रात करीब साढ़े 12 बजे पुलिस ने बस बुलवाई और सभी आंदोलनकारियों को अभनपुर के पास बनाए गए अस्थाई धरना स्थल पर ले जाया गया।

आंदोलनकारी  फर्जी दिव्यांग कर्मचारियों की बर्खास्तगी, 5000 रुपए मासिक पेंशन और BPL शर्त हटाना, अविवाहित दिव्यांग महिलाओं के लिए विवाह सहायता, आवास प्राथमिकता, अलग आरक्षण कोटा और मुफ्त यात्रा सुविधा की मांग की है। संघ ने अपनी मांगे पूरी नहीं होने की वजह से राज्योत्सव के बहिष्कार की भी घोषणा की है।

यह भी पढ़ें : राज्योत्सव के पहले निःशक्त जनों का आंदोलन



Source link

Share This Article
Leave a Comment