Ola and Rapido निदेशकों के खिलाफ FIR

NFA@0298
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नई दिल्ली। मुंबई पुलिस ने ओला और रैपिडो के निदेशकों के खिलाफ एफआईआर (FIR against directors of Ola and Rapido) दर्ज की है। आरोप है कि दोनों कंपनियां राज्य सरकार या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण यानि आरटीओ से अनुमति लिए बिना शहर में बाइक-टैक्सी सेवाएं संचालित कर रही थीं। यह कार्रवाई आरटीओ द्वारा मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से दोपहिया टैक्सियों के अनधिकृत संचालन का आरोप लगाते हुए दर्ज की गई एक औपचारिक शिकायत के बाद की गई है। अंबोली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में ऐप-आधारित मोबिलिटी सेवाओं को लेकर चिंता जाहिर की गई है।

अंबोली पुलिस के अनुसार, अधिकारियों द्वारा यह पाया गया कि रैपिडो और ओला बिना किसी आवश्यक अनुमति के यात्रियों के परिवहन की सुविधा प्रदान कर रही हैं, जिसके बाद यह मामला दर्ज किया गया। अंबोली पुलिस ने कहा कि दोनों कंपनियाँ बिना किसी आवश्यक अनुमति के अपने मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से शहर की सीमा के भीतर दोपहिया टैक्सी सेवाएँ चला रही थीं। ये दोनों कंपनियाँ अवैध रूप से यात्री परिवहन की सुविधा प्रदान कर रही थीं और पैसा कमा रही थीं। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इन गतिविधियों से दोनों कंपनियों को बिना लाइसेंस वाली यात्री सेवाओं से लाभ कमाने का मौका मिला।

आरटीओ का आरोप है कि रैपिडो परिवहन विभाग से आधिकारिक अनुमति न मिलने के बावजूद मुंबई में अपनी सेवाएँ जारी रखे हुए है। इन कार्रवाइयों को मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2020 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66 का उल्लंघन बताया गया है, जो निजी वाहनों को किराए पर यात्रियों को ले जाने से स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करता है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस तरह की गतिविधियाँ यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी कई चिंताएँ पैदा करती हैं।

अंबोली पुलिस ने मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें 1988, 193, 197, 192(ए), 93 और 66 के साथ-साथ धारा बीएनएस 123 और 318(3) शामिल हैं।



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