LUMS यूनिवर्सिटी से निकला पहला बैच, महाभारत और भगवद्गीता भी पढ़ाए जाने की योजना

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लेंस डेस्‍क। Sanskrit studies in Pakistan: लाहौर की प्रतिष्ठित लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज (LUMS) ने 1947 के विभाजन के बाद पहली बार संस्कृत भाषा का औपचारिक कोर्स शुरू किया है। यह कोर्स गुरमानी सेंटर फॉर लैंग्वेजेस एंड लिटरेचर के तहत चलाया जा रहा है और हाल ही में दिसंबर 2025 में इसका पहला बैच सफलतापूर्वक पूरा हुआ। शुरुआत में यह तीन महीने का वीकेंड वर्कशॉप था, लेकिन छात्रों और शोधकर्ताओं की जबरदस्त रुचि देखते हुए इसे चार क्रेडिट वाला पूर्ण कोर्स बना दिया गया।

इस पहल के पीछे मुख्य रूप से फॉर्मन क्रिश्चियन कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शाहिद रशीद और LUMS के गुरमानी सेंटर के डायरेक्टर डॉ. अली उस्मान कासमी हैं। डॉ. रशीद जो खुद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए संस्कृत सीख चुके हैं, इस कोर्स को पढ़ा रहे हैं।

उन्होंने मीडिया को बताया कि संस्कृत क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर है और यह किसी एक धर्म तक सीमित नहीं। “यह एक पहाड़ जैसा सांस्कृतिक स्मारक है हमारा भी है,” उन्होंने कहा। छात्रों ने व्याकरण के साथ-साथ महाभारत और भगवद्गीता के श्लोकों का अध्ययन किया, और यहां तक कि महाभारत टीवी सीरीज के प्रसिद्ध थीम सॉन्ग ‘है कथा संग्राम की’ के उर्दू अनुवाद को भी शामिल किया गया।

LUMS भविष्य में महाभारत और भगवद्गीता पर अलग-अलग कोर्स शुरू करने की योजना बना रहा है। डॉ. कासमी ने उम्मीद जताई कि 10-15 सालों में पाकिस्तान से ही गीता और महाभारत के विशेषज्ञ विद्वान उभरेंगे। 2027 तक संस्कृत को पूरे साल का कोर्स बनाने का लक्ष्य है।

LUMS पहले से ही सिंधी, पश्तो, पंजाबी, बलोची, अरबी और फारसी जैसे भाषाई कोर्स चला रहा है और संस्कृत इसका नया हिस्सा बन गया है।



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