रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग (CG HEALTH DEPARTMENT) के करीब डेढ़ सौ डॉक्टर्स पिछले कई वर्षों से नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं ,विभाग के बाबुओं और अफसरों के दरवाजों पर धक्के खा रहे हैं लेकिन विभाग ने अभी तक सिर्फ एक प्रभावशाली पूर्व नौकरशाह परिवार को उपकृत करने के लिए उनकी डॉक्टर बेटी को नियमित किया है ।
स्वास्थ्य विभाग ने इसी वर्ष अक्टूबर में 8 डॉक्टर्स की प्रोबेशन अवधि (परिवीक्षा अवधि) पूरी करने की एक लिस्ट निकाली थी।स्वास्थ्य विभाग के जानकार बताते हैं कि यह लिस्ट केवल एक डॉक्टर के परिवार को उपकृत करने की नीयत से निकाली गई थी।इसमें 7 और डॉक्टर्स के नाम सिर्फ इसलिए जोड़े गए ताकि सवाल ना उठे।
यह 2022 में कार्यभार ग्रहण करने वाले डॉक्टर्स की लिस्ट थी। इसी बैच के 70 से ज्यादा डॉक्टर्स अभी भी नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं। फाइल बढ़ाने के लिए उनसे निचले स्तर पर रिश्वत भी ली गई।
नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर ऐसे एक डॉक्टर ने कहा – “ रिश्वतखोर ने तो रिश्वत ले कर फाइल आगे भी बढ़ाई इसलिए उनसे हमें कोई शिकायत नहीं है। हमारी शिकायत तो मंत्रालय के उन बाबुओं और अफसरों से है जो लंबे समय से हमारी फाइल पर बैठे हुए हैं !”
नियमित होने का इंतजार कर रहे एक अन्य डॉक्टर ने कहा – “ छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा यूं ही नहीं है। सारा सिस्टम नौकरशाही के चंगुल में इस तरह जकड़ा हुआ है कि रूटीन के काम भी प्रभाव,सिफारिश और रिश्वतखोरी के बिना होते नहीं हैं !”
इस डॉक्टर ने कहा – “अभी विधानसभा चल रही है। क्या हम उम्मीद करें कि स्वास्थ्य सेवाओं की चिंता करने वाले कोई जनप्रतिनिधि हमारी इस समस्या को विधानसभा में उठाएंगे जिससे हमें न्याय मिले,हम नियमित हों और अफसरों के चक्कर लगाने के बजाए बेहतर ढंग से काम करें ?”
दिलचस्प यह है कि इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बचते हैं।
The Lens ने तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव और संचालक से लेकर वर्तमान स्वास्थ्य संचालक तक सभी से संपर्क करने की कोशिश की,उन्हें मैसेज भी भेजे लेकिन किसी का जवाब नहीं मिला ।
पता यह भी चला है कि जिस एक डॉक्टर के लिए 8 डॉक्टर्स की लिस्ट निकाली गई थी उसके कागजात पूरे नहीं थे।उन्हें बैक डेट में पूरा किया गया लेकिन बाकी डॉक्टर्स के कागजात पूरे होने के बाद भी उन्हें धक्के खाने पड़ रहे हैं।
विभाग के सूत्रों से पता चला है कि सिर्फ 2022 नहीं बल्कि 2019 और उसके बाद के बैच के डॉक्टर्स भी अभी अपना प्रोबेशन पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। कुल मिला कर ऐसे डॉक्टर्स की संख्या करीब डेढ़ सौ बताई जा रही है।आधिकारिक आंकड़े इससे कुछ कम या ज्यादा हो सकते हैं।

