bulldozers for RSS आरएसएस के लिए बुलडोजर चलाने पर तनाव भड़का

NFA@0298
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नई दिल्ली। दिल्ली के झंडेवालान इलाके में एमसीडी की शनिवार को की गई कार्रवाई को लेकर पूरे इलाके में तनाव व्याप्त है। ऐतिहासिक बाबा पीर रतन नाथ के पुराने मंदिर परिसर में बुलडोजर चलाकर (bulldozers for RSS) लंगर हॉल, बगीचा और करीब 100 से ज़्यादा कच्चे-पक्के घरों को तोड़ दिया गया, गजब यह रहा कि पहले से कोई नोटिस नहीं दी गई। यह पूरा इलाका करोड़ों की लागत से बने आरएसएस के मुख्यालय केशव कुंज के ठीक बगल में आता है, इसी वजह से लोगों में और भी गुस्सा देखने को मिला।

800 साल से पुराना इतिहास

स्थानीय लोगों के मुताबिक इस मंदिर परिसर का इतिहास  800 साल से भी पुराना है। 1947 के बंटवारे के बाद बाबा रतन नाथ पेशावर से दिल्ली आए थे और तभी से यह जगह उनके नाम से पहचानी जाती है।लेकिन शनिवार सुबह अचानक एमसीडी की जेसीबी यहां पहुंची और पूरे इलाके को अवैध निर्माण बताते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि न उन्हें एमसीडी की तरफ से नोटिस मिला, न ही पहले कोई जानकारी दी गई, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि दशकों से यहां रहने वाले परिवारों को कभी किसी एजेंसी ने नहीं रोका. लेकिन आरएसएस के नए मुख्यालय केशव कुंज के बनने के बाद अचानक यह कार्रवाई शुरू हो गई। इलाके में यह चर्चा भी जोरों पर है कि बेहद रहस्यमयी और भारी सुरक्षा घेरे में मौजूद संघ मुख्यालय के लिए पार्किंग या रास्ता तैयार करने के लिए यह परिसर खाली कराया जा रहा है।

नीले टीन से ढक दिया मलबा

आम जनता ने मौके पर भारी विरोध जताया लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने उनकी नहीं सुनी। उनके घर, दुकानें और लंबे समय से चल रहे आश्रय कुछ ही घंटों में मलबे में बदल गए। फिलहाल इलाके में भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बल तैनात हैं, ताकि माहौल बिगड़ने न पाए मीडिया की नजर से छिपाने के लिए मलबे की जगह पर नीला टीन लगाया गया है।टीन लगाने का काम देर शाम तक चलता रहा।स्थानीय लोगों का आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि बाहर से देखने वाले को असली स्थिति न दिखे।

यह जमीन  बाबा को जनता ने दी थी

कई बुजुर्गों ने बताया कि लगभग 80 साल पहले यहां के लोगों ने जमीन बाबा रतन नाथ के नाम कर दी थी।तब से यहां पर लोग बसे हुए थे और  शांतिपूर्वक रहते थे।उनका कहना है कि बिना किसी नोटिस और बातचीत के एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई करना सरासर अन्याय है।प्रभावित परिवारों ने सरकार और एमसीडी से पूछताछ की मांग की है. उनका कहना है कि अगर परिसर में कोई अवैध निर्माण था तो उसकी जांच होनी चाहिए. जिन लोगों के घर तोड़े गए हैं उन्हें विकल्प या पुनर्वास दिया जाए। फिलहाल झंडेवालान में हालात तनावपूर्ण हैं और लोग जवाब का इंतज़ार कर रहे हैं कि इस अचानक हुई कार्रवाई की असल वजह क्या है।



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