
नई दिल्ली। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) से लेखाकार, चिकित्सकों तथा ‘आर्किटेक्ट’ जैसे पेशेवरों के लिए विदेशों में अवसर खुलेंगे। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने प्रोफेशनल सेवाओं पर नई दिल्ली में 23 दिसंबर को वाणिज्य भवन में आयोजित एक “चिंतन शिविर” को संबोधित करते हुए यह बात कही।
राजेश अग्रवाल ने ‘वैश्विक क्षितिज का विस्तार: भारतीय पेशेवरों के लिए अवसर’ विषय पर आयोजित विचार-विमर्श सत्र को संबोधित करते कहा कि एफटीए के तहत प्रोफेशनल सेवाओं पर कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रतिबद्धताएं भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए ग्लोबल मार्केट खोलेंगी।
अग्रवाल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सेवाओं का व्यापार बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सामान के निर्यात की तुलना में सेवाएं घरेलू वैल्यू एडिशन में मज़बूत योगदान देती हैं। उन्होंने कहा कि भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश पेशेवर सेवाओं की बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने की अपार क्षमता रखता है। वाणिज्य सचिव ने कहा कि इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना एवं पेशेवरों को बदलते वैश्विक बाजार की जरूरतों तथा प्रौद्योगिकी विकास के अनुरूप उन्नत कौशल से लैस करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) जैसे पेशेवर निकायों को ज्ञान साझा करने एवं बेहतर सहयोग के लिए मंच प्रदान करने हेतु अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करने और उनमें हिस्सा लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया। अग्रवाल ने “भारतीय पेशेवर सेवाओं की खातिर वैश्विक बाजारों को खोलने के लिए हितधारकों के बेहतर समन्वय, घरेलू परिवेश में सुधार और विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों के तहत पेशेवर सेवाओं पर कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रतिबद्धताओं के महत्व पर जोर दिया।’’
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बताया कि ‘वैश्विक क्षितिज का विस्तार: भारतीय पेशेवरों के लिए अवसर’ विषय पर आयोजित विचार-विमर्श सत्रों के दौरान चार मुख्य मुद्दों, वैश्विक स्तर पर पेशेवर तैयार करना, पारस्परिक मान्यता समझौतों (एमआरए) तथा समझौता ज्ञापनों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय परिवहन को मजबूत करना, विदेशों में पेशेवरों के नेटवर्क का विकास, गठन एवं विस्तार और पेशेवर सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का लाभ उठाने पर विचार-विमर्श किया गया।
मंत्रालय ने कहा कि भारत को विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों के तहत प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें हाल ही में न्यूजीलैंड के साथ घोषित समझौता भी शामिल है, जिसके तहत उसके पेशेवरों के लिए आसान नियम और वीजा सुविधा प्रदान की जाएगी। इस समझौते के तहत योग प्रशिक्षकों, रसोइयों, आयुष पेशेवरों, आईटी पेशेवरों, शिक्षा शिक्षकों, नर्स, देखभालकर्ताओं जैसे लगभग 5,000 भारतीय पेशेवरों को न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए पेशेवर वीजा मिलेगा।

