जब रखवाले ही अनजान हों, तब पेड़ों की जान कौन बचाए

NFA@0298
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खुटार/शाहजहांपुर। क्षेत्र के ग्राम बेला में देखने को मिला, जहां देसी आम के कई फलदार पेड़ों की कटान का मामला सामने आया है। पेड़ काटने के लिए आवश्यक अनुमति ली गई थी या नहीं, इसको लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कटान की जानकारी न तो पहले दी गई और न ही किसी तरह की सूचना सार्वजनिक की गई। नियमों के अनुसार फलदार पेड़ों की कटान के लिए वन विभाग और राजस्व विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है। बिना परमिशन पेड़ काटना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। हैरानी की बात यह है कि इस मामले में जिम्मेदार विभाग भी अनभिज्ञ नजर आ रहे हैं, जिससे पूरे प्रकरण पर संदेह और गहरा गया है। वन दरोगा रोहित पांडे से इस संबंध में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस कटान की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच मौके पर जाकर की जाएगी, जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। वहीं, वन रेंजर खुटार मनोज श्रीवास्तव ने भी अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि इस संबंध में जानकारी क्षेत्रीय वन दरोगा से ही ली जा सकती है। फिलहाल सवाल यही है कि क्या बिना अनुमति फलदार पेड़ों की कटान की गई, या नियमों का पालन हुआ। जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी।



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