फणिकेश्वर नाथ महाविद्यालय में बाल विवाह मुक्त शपथ कार्यक्रम बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है जो बच्चों के मानसिक, शारीरिक और शैक्षणिक विकास में बाधा बनती है। इस कुप्रथा को रोकने हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं विभिन्न शैक्षणिक संस्थान जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसी उद्देश्य से फणीकेश्वर नाथ शासकीय महाविद्यालय, फिंगेश्वर में दिनांक 27/11/2025 को “बाल विवाह मुक्त शपथ कार्यक्रम” आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य, डॉ. (श्रीमती) सविता मिश्रा द्वारा किया गया। उन्होंने बाल विवाह की हानियों तथा इससे प्रभावित होने वाले बच्चों के भविष्य पर प्रकाश डाला।

अगली कड़ी के रूप में फिंगेश्वर थाना से श्रीमती संकल्प साहू (महिला प्रधान आरक्षक) द्वारा बाल विवाह निषेध कानून, 2006 के बारे में जानकारी दी गई।बाल विवाह निषेध कानून, 2006 का मुख्य उद्देश्य भारत में बाल विवाह को पूरी तरह रोकना और इसके लिए कड़ी सज़ा एवं कानूनी प्रावधान लागू करना है। यह कानून बाल विवाह को केवल गैर-कानूनी नहीं बल्कि दंडनीय अपराध घोषित करता है। इस कानून के अनुसार लड़की की न्यूनतम विवाह योग्य आयु 18 वर्ष और लड़के की न्यूनतम विवाह योग्य आयु 21 वर्ष है। इनसे कम उम्र में किया गया विवाह बाल विवाह कहलाता है। इसके बाद सभी उपस्थित लोगों को बाल विवाह न करने और न होने देने की सामूहिक शपथ दिलाई गई। शपथ के दौरान सभी ने हाथ उठाकर संकल्प लिया कि वे स्वयं बाल विवाह नहीं करेंगे और न ही अपने आस-पास इस कुप्रथा को होने देंगे। कार्यक्रम में सभी छात्र-छात्राओं, प्राध्यापको तथा कर्मचारियों ने भाग लिया। शपथ का मुख्य संकल्प-बाल विवाह के विरुद्ध हर संभव प्रयास करेंगे, यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे परिवार, पड़ोस, समाज और गांव में बाल विवाह न हो, हम बाल विवाह से जुड़े मामलों की सूचना संबंधित अधिकारियों को देंगे तथा हम समाज को जागरूक करने का कार्य करेंगे था। इस कार्यक्रम में कुल 150 विद्यार्थी एवं 25 प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का समापन प्राचार्य ने धन्यवाद देते हुए और सभी को बाल विवाह मुक्त समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करतें हुए किया।
यह कार्यक्रम विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए सामाजिक जागरूकता एवं जिम्मेदारी महसूस कराने वाला रहा। इससे सभी में बाल विवाह रोकने का सामूहिक संकल्प विकसित हुआ। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के आंतरिक समिति (संयोजक- डॉ. अलका कौशिक, सहायक प्राध्यापक वनस्पति शास्त्र) के द्वारा आयोजित किया गया।

