एनीमिया मुक्त भारत अभियान में उत्तर प्रदेश सबसे आगे

NFA@0298
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लखनऊ। एनीमिया मुक्त भारत अभियान को गति देने में प्रगति की है। राज्य सरकार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) और समुदाय की मज़बूत प्रतिबद्धता से लखनऊ समेत 24 ज़िलों ने गर्भवती और धात्री महिलाओं,किशोरियों और बच्चों में एनीमिया की समस्या खत्म करने के शानदार नतीजे दिखाए हैं। ये जानकारी डॉ. पिंकी जोवेल ने दी।

उन्होंने बताया राज्य के कई लेयर वाले तरीके-कम्युनिटी को मज़बूत बनाना,पॉलिसी को मज़बूत करना और रियल-टाइम डेटा का इस्तेमाल-ने आयरन और फालिक एसिड सप्लीमेंट का ऐसा कवरेज दिया है जो पहले कभी नहीं हुआ। इस अभियान की पहुँच अब एस्पिरेशनल ज़िलों तक हो गई है, जिससे यह पक्का होता है कि हर लड़की, महिला और बच्चा इस स्वास्थ्य क्रांति का हिस्सा है।

रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक साल में सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, गोरखपुर, आजमगढ़, कानपुर नगर, प्रतापगढ़, जौनपुर, कानपुर देहात, महराजगंज, हाथरस, मैनपुरी, उन्नाव, हरदोई, मिर्जापुर, मथुरा, हमीरपुर, जालौन, अलीगढ़, गाजियाबाद में भी एनीमिया मुक्त भारत अभियान की स्थिति बेहतर हुई है। ज्यादा महिलाओं व बच्चों ने आईएफए का सेवन किया है।

आकांक्षी जिलों में श्रावस्ती 86.3 के इंडेक्स के साथ सबसे आगे है। बलरामपुर और फतेहपुर तेज़ी से सुधार कर रहे हैं। एनएचएम की मिशन डायरेक्टर डॉ.पिंकी जोवेल कहती हैं,“ यह एक मिली-जुली कोशिश है—पॉलिसी रिफॉर्म से कवरेज और गुणवत्ता बढ़ी है। राज्य का एवरेज इंडेक्स 56.9 है, जिसमें गर्भवती महिलाओं में 95 प्रतिशत कवरेज है, जो एक बड़ी पॉलिसी उपलब्धता है। हालांकि, 6-59 महीने के बच्चों के लिए कवरेज 4.9प्रतिशत पर है, जो बचपन में न्यूट्रिशन इंटरनेशनल को तेज़ करने की ज़रूरत को दिखाता है।



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