6 विधायक एक मंत्री” फॉर्मूला! बिहार में नई

NFA@0298
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पटना: NDA government: बिहार में एनडीए सरकार बनने का रास्ता पूरी तरह साफ हो चुका है। 243 सीटों में से 122 से अधिक सीटें हासिल करने के बाद गठबंधन अब संवैधानिक प्रक्रिया के तहत नई सरकार बनाने की ओर बढ़ रहा है। नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता संभालने जा रहे हैं, लेकिन इसके लिए कई चरणों से गुजरना जरूरी है।

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सबसे पहले चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित करता है। बहुमत के आंकड़े को पार करने वाला गठबंधन राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करता है।

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एनडीए के सभी दल अपने-अपने विधायक दल की बैठक बुलाते हैं।
इन बैठकों में दो बड़े फैसले होते हैं—

  1. विधायक दल का नेता चुनना

  2. गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर सहमति बनाना

इसके बाद सभी विधायकों से समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करवाए जाते हैं, जिसे राज्यपाल को दिखाया जाता है।

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दिल्ली में अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच हुई बैठक में यह तय हुआ—

  • जेडीयू: 14 मंत्री

  • भाजपा: 15–16 मंत्री

  • लोजपा (रामविलास): 3 मंत्री

  • हम (मांझी): 1 मंत्री

  • रालोजपा (कुशवाहा): 1 मंत्री

पटना में होने वाली इस बैठक में जेडीयू विधायक नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं, जिसे भाजपा, लोजपा, हम और रालोजपा के विधायक समर्थन देते हैं।
इसी प्रस्ताव के पारित होते ही संविधान के अनुच्छेद 164(1) के तहत नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद के अधिकृत दावेदार बन जाते हैं।

नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर 3 दस्तावेज़ सौंपते हैं—

  1. विधायक दल की बैठक का प्रस्ताव

  2. गठबंधन के समर्थन पत्र

  3. विधायकों की पूरी सूची (बहुमत का प्रमाण)

शपथ संविधान की तीसरी अनुसूची के अनुसार होती है।
दो तरह की शपथ ली जाती है—

सबसे पहले मुख्यमंत्री शपथ लेते हैं, फिर क्रमवार सभी मंत्री। आमतौर पर पहली सूची में 20–25 मंत्री शपथ लेते हैं, बाकी बाद में शामिल होते हैं।

शपथ के बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों को विभाग सौंपते हैं।
यह फैसला पूरी तरह मुख्यमंत्री और गठबंधन के साझा समझौते से तय होता है।
फिर इस सूची को राज्यपाल की मंजूरी मिलती है।

शपथ के 10–15 दिनों के भीतर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाता है।
मुख्यमंत्री विश्वास प्रस्ताव पेश करते हैं और विधायक वोट देते हैं।

यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो सरकार संवैधानिक रूप से पूरी तरह वैध हो जाती है।

पहली कैबिनेट बैठक में प्राथमिक फैसले लिए जाते हैं और राज्यपाल नई मंत्रिपरिषद की अधिसूचना जारी करते हैं।
यही अधिसूचना नई सरकार की आधिकारिक शुरुआत मानी जाती है।



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