हेलीकॉप्टर से बाघिन की ऐतिहासिक

NFA@0298
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मध्य प्रदेश–राजस्थान। Flight Creates History: देश के वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया, जब मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व की 3 वर्षीय बाघिन (PN-224) को भारतीय वायुसेना के M-17 हेलीकॉप्टर के जरिए राजस्थान ले जाया गया।

24 दिनों तक चले विशेष ऑपरेशन के बाद रविवार को पहली बार किसी बाघ का हेलीकॉप्टर से इंटर-स्टेट ट्रांस्लोकेशन सफलतापूर्वक पूरा हुआ। इस बाघिन को राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा, जहां बाघों के जीन पूल को मजबूत करना इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है, क्योंकि राजस्थान में मौजूद अधिकांश बाघ एक ही जीन पूल से जुड़े हैं।

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पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने पहले बाघिन की पहचान की, जंगल में 50 कैमरों से उसकी निगरानी की गई और 5 दिसंबर को ट्रेंक्युलाइज कर रेडियो कॉलर लगाया गया, हालांकि बाघिन ने अगले ही दिन कॉलर हटा दिया।

इसके बाद दोबारा प्रयास कर आज उसे ट्रैक कर सफलतापूर्वक ट्रेंक्युलाइज किया गया और वायुसेना के हेलीकॉप्टर से राजस्थान भेजा गया। इस मिशन में मध्य प्रदेश से IFS गुरलीन कौर, पेंच के वेटरिनरी डॉक्टर अखिलेश मिश्रा समेत चार अधिकारी राजस्थान गए हैं। पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह के अनुसार, यह कदम राजस्थान में बाघों के ब्रीडिंग स्ट्रेस को कम करने और आने वाली पीढ़ियों को अधिक स्वस्थ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

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