सोवियत रूस के राष्ट्रपति के सम्मान में हुए भोज में नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित न करना मान्य परम्पराओं का उल्लंघन- प्रमोद तिवारी

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लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने सोवियत रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे में दिये गये सम्मान भोज में लोकसभा एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित नही किये जाने को लेकर मोदी सरकार की तगडी घेराबंदी की है। उन्होने कहा कि सोवियत रूस के राष्ट्रपति के सम्मान मंे हुए भोज में कांग्रेस संसदीय दल के सदस्य को आमंत्रित किया गया पर राजनैतिक कुंठा के चलते मोदी सरकार ने उसी राजनैतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को नही आमंत्रित किया। सांसद प्रमोद तिवारी ने इसे मोदी सरकार की अर्न्तराष्ट्रीय कूटनैतिक भूल ठहराते हुए शर्मनाक करार दिया है। उन्होने कहा कि सोवियत रूस के राष्ट्रपति के भारत दौरे आने पर लोकसभा एवं राज्यसभा के दोनों नेता प्रतिपक्ष से उनसे मिलने का समय निर्धारित नही किया जाना मान्य परम्पराओं के विपरीत है। उन्होने कहा कि यह मोदी राज में कूटनैतिक यात्रा के राजनैतिक गिरावट की हद है। उन्होने कहा कि सर्वविदित है कि भारत सोवियत मैत्री के जनक के रूप में पं0 जवाहर लाल नेहरू ने इसकी नींव रखी थी। उन्होने यह भी कहा कि दोनों राष्ट्रों के मध्य मैत्री को ऊंचाई तथा गहराई तक पहुंचाने में पं0 नेहरू के साथ इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के द्वारा सशक्त सम्बन्ध स्थापित किया गया। सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि राजनैतिक हताशा से जूझ रही मोदी सरकार उन्हीं के परिवार के सदस्य और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को आमंत्रित नही किया। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब पूरे देश में बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर का निर्वाण दिवस मनाया जा रहा है तब सभी मान्य परम्पराओं का उल्लंघन करके आम्बेडकर के प्रबल अनुयायी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी इसलिए नही बुलाया गया क्योंकि खड़गे बाबा साहब आम्बेडकर के प्रबल अनुयायी हैं। सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार ने भारत सोवियत की राजकीय यात्रा को राजनैतिक विद्वेष और हीनभावना से ग्रस्त होकर एक व्यक्तिगत राजनैतिक यात्रा बना दिया। वहीं उन्होनें सर्वाेच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे वी0आर0 गवई की तरफ भरी अदालत में एक वकील द्वारा जूता फेंके जाने की घटना को लेकर भी मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश गवई का अपमान किया गया और मोदी सरकार ने इस अपमान पर सजा देने के बजाय आरोपी का महिमामण्डन होने दिया। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि इस समय भारत के विमानन बाजार में इण्डिगो की लगभग चौसठ प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होने कहा कि मोदी सरकार के आंकड़े खुद यह बता रहे है कि विमानों की संख्या को ध्यान में रखते हुए इण्डिगो को एकाधिकार दिया गया है। उन्होने कहा कि यह गंभीर भ्रष्टाचार है। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह सबसे बड़ा नगर विमानन आर्थिक घोटाला है। सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि इण्डिगो को सभी नियम व कायदे तोड़कर उसकी हिस्सेदारी चौसठ प्रतिशत बढ़ा दी गयी। उन्होने कहा कि इस प्रकरण की जब भी गंभीरता से जांच होगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कैसे मित्र पूंजीपतियों को लाभ के लिए लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया है। उन्होने यह भी मांग उठाई है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में शताब्दी के इस भयंकरतम नगर विमानन आर्थिक घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर करायी जाय। उन्होने कहा कि देश के सामने यह सच्चाई सामने आना चाहिए कि नए हवाई अडडे और हवाई रूट पर भाजपा के साढ़े ग्यारह साल के कार्यकाल में आखिरकार ज्यादातर रूट इण्डिगो को ही क्यों दिये गये हैं। राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का बयान शनिवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।



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