नई दिल्ली। अडानी समूह (Adani Group) को ऑस्ट्रेलियाई पर्यावरण कार्यकर्ता बेन पेनिंग्स के खिलाफ वर्षों से चल रही कानूनी कार्रवाई में मुंह की खानी पड़ी है। अडानी को पैनिंग्स के खिलाफ किया गया हर्जाने का दावा वापस लेना पड़ा है।
पेनिंग्स ने गुरुवार को इसे बड़ी जीत बताया, जब क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को साढ़े पांच साल पुराने मामले को बंद करने के आदेश को मंजूरी दे दी।कंपनी ने कथित तौर पर क्षतिपूर्ति की अपनी मांग वापस ले ली है, जो पहले 600 मिलियन डॉलर थी।
यह मामला 2020 में शुरू हुआ था। उस साल, अडानी ने पेनिंग्स के पारिवारिक घर की तलाशी लेने का असफल प्रयास किया था। इसमें कहा गया था कि वह इस बात के सबूत तलाश रहा था कि उसने कारमाइकल कोयला खदान के बारे में गोपनीय जानकारी हासिल की थी।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, उस समय के अदालती दस्तावेजों से पता चला कि अडानी समूह ने पेनिंग्स और उनके परिवार पर निगरानी रखने के लिए एक निजी जासूस को काम पर रखा था।
बाद में अडानी समूह ने एक सिविल दावा दायर किया, जिसमें गैलिली ब्लॉकेड के राष्ट्रीय प्रवक्ता पेनिंग्स पर कारमाइकल खदान और उसके आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों के संचालन को बाधित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया।
2023 में, अडानी ने अपने दावे का वह हिस्सा वापस ले लिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि पेनिंग्स ने गैरकानूनी तरीके से गुप्त जानकारी हासिल की थी।
पेनिंग्स ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उनका मामला ऑस्ट्रेलियाई इतिहास का सबसे बड़ा, सबसे लंबा और सबसे महंगा स्लैप मुकदमा है। उन्होंने अडानी पर आरोप लगाया कि वे परियोजना के अन्य विरोधियों को डराने के लिए उन्हें एक उदाहरण के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘जहां तक मेरा सवाल है, कॉर्पोरेट द्वारा संचालित स्लैप सूट लोकतंत्र का अपमान हैं।’ उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह इन पर प्रतिबंध लगाए, जैसा कि कुछ अमेरिकी राज्यों और यूरोपीय देशों ने किया है।
अडानी ने कहा है कि पेनिंग्स ने उनके कारोबार को नुकसान पहुँचाया है। कंपनी का आरोप है कि उन्होंने ड्रिलिंग कंपनी डाउनर सहित कई ठेकेदारों को परियोजना से हटने पर मजबूर किया।
इसमें यह भी दावा किया गया कि उन्होंने कारमाइकल खदान के खिलाफ “निरंतर अभियान चलाया”, कर्मचारियों को गोपनीय जानकारी लीक करने के लिए प्रोत्साहित किया और उस जानकारी का इस्तेमाल ठेकेदारों को परेशान करने के लिए किया।पेनिंग्स ने अब अडानी की गोपनीय जानकारी प्राप्त न करने या किसी अन्य से ऐसा करने के लिए न कहने पर सहमति व्यक्त की है।
ब्रावस माइनिंग एंड रिसोर्सेज के सीईओ मिक क्रो ने कहा कि कंपनी परिणाम से संतुष्ट है।द गार्जियन के अनुसार, उन्होंने कहा, “हमने पेनिंग्स को हमारे कर्मचारियों और ठेकेदारों को परेशान करने और धमकाने से रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में यह कानूनी कार्रवाई शुरू की है।
उन्होंने कहा कि हर्जाना दावा कभी भी पैसों का मामला नहीं था। हम बस यही चाहते थे कि मिस्टर पेनिंग्स हमारी गोपनीय जानकारी हासिल करने की कोशिश बंद करें और उसका इस्तेमाल हमारे ठेकेदारों और सप्लायरों को परेशान करने और डराने-धमकाने के लिए करें ताकि वे हमारे साथ काम करना बंद कर दें।
अडानी की ओर से मिक क्रो ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में उनके अभियान के कारण कई उच्च-स्तरीय व्यवसाय हमसे दूर चले गए। जो लोग हमारे साथ रहे, उनमें से कुछ को विरोध प्रदर्शनों, तालाबंदी और कार्यालय पर आक्रमण से खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पर पैसा खर्च करना पड़ा।’ पेनिंग्स ने कहा कि वह खदान के खिलाफ तुरंत सीधी कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं।
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