सर्दियों में मुलायम रोटी बनाने के लिए आटा गूंथने से पहले कर लें ये एक काम

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नरम रोटियां :भारतीय घरों में रोटियां एक मुख्य व्यंजन हैं, जो भोजन का एक अनिवार्य हिस्सा है। ज़्यादातर लोगों की शिकायत रहती हैं कि रोटियां ज़्यादा समय तक मुलायम नहीं रहती हैं। कुछ ही घंटों में चपाती कड़क हो जाती है। अगर आप भी मुलायम रोटियां नहीं बना पाते हैं तो चलिए हम आपको मुलयाम और नरम रोटियों के लिए कुछ टिप्स बताते हैं। इन कुछ टिप्स और ट्रिक्स को फॉलो कर आप सॉफ्ट रोटियां बना पाएंगे

नरम रोटियां बनाने के लिए आज़माए ये टिप्स
आटा गूंथने से पहले उसमें घी या तेल डालें: मौसम चाहे कोई भी अगर आप चाहते हैं कि रोटियां हमेशा नरम और मुलायाम रहे तो आटा गूंथने से पहले उसमें घी या तेल डालें। तेल का घा कस इस्तेमा करने से आटा को नमी मिलती है और फिर रोटियां मुलायम रहती हैं 

गुनगुने पानी से आटा गुंथे: घर और तेल डालने के बाद आटे को गुनगुने पानी से या गुनगुने दूध से अच्छी तरह से गुंथे। नॉर्मल पानी की जगह गुनगुने पानी से आटा  गुंथने से रोटियां नरम और मुलायम बनती हैं। 

आटा अच्छी तरह से गुंथे: इस बात का ध्यान रखें, अगर आपने आटा अच्छी तरह से नहीं गुंथा है तो आपकी रोटियां नरम नहीं बन सकती है। इसलिए उसे अच्छी तरह से खूब गुंथे

सेट होने के लिए रखें: आटा गुंथने के बाद उसे गीले कॉटन के कपड़े से ढककर 15 से 20 मिनट तक सेट सेट होने के लिए रख दें। इससे ग्लूटेन बनता है और आटा नरम हो जाता है, जिससे रोटी बेलना भी आसान हो जाता है।

रोटी बनाने और सेकने का सही तरीका 
रोटी को हर तरफ से एक समान मोटाई में बेलें। कहीं से मोटी या पतली होने से वह जल्दी कड़क हो सकती है। तवा अच्छी तरह गरम होना चाहिए, लेकिन बहुत तेज आंच पर नहीं, ताकि रोटी जले नहीं। रोटी के दोनों तरफ अच्छी तरह से सिकने पर ही गैस बंद करें।

रोटी को स्टोर करने का तरीका
रोटी बनने के बाद उसे हमेशा किसी बर्तन में ढककर या कपड़े में लपेटकर रखें। खुला छोड़ने से वह सूख जाएगी। रोटियों को स्टोर करने से पहले उन पर हल्का सा घी या मक्खन लगा दें। इससे उनकी नमी बनी रहती है और वे देर तक नरम रहती हैं। 

 

गिल को आराम करने की सलाह

शुभमन गिल : साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में मिली हार के बाद टीम इंडिया को एक और बड़ा झटका लग सकता है। भारतीय कप्तान के दूसरे टेस्ट में खेलना मुश्किल लग रहा है। पहले टेस्ट के दौरान गिल चोटिल हो गए थे। गर्दन में ऐंठन के चलते गिल कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट की पहली पारी में रिटायर्ड हर्ट हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। गिल को अस्पताल से छुट्टी तो मिल गई है लेकिन उनका दूसरे टेस्ट में खेलना संदिग्ध लग रहा है। बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) के सूत्रों ने पुष्टि की है कि गिल 19 नवंबर को टीम के साथ गुवाहाटी रवाना नहीं होंगे, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनकी स्थिति गंभीर है।

गिल पिछले कुछ दिनों से गर्दन में तेज दर्द (Stiff Neck) की समस्या से जूझ रहे हैं। मेडिकल टीम ने उन्हें फिलहाल गर्दन का कॉलर पहनने की सलाह दी है, साथ ही तीन से चार दिनों तक पूर्ण आराम करने और किसी भी तरह की हवाई यात्रा से परहेज बताने को कहा है। ऐसे में उनका टीम के साथ गुवाहाटी पहुंचना फिलहाल असंभव लग रहा है।

गिल को आराम करने की सलाह
PTI को एक सूत्र ने बताया कि गर्दन की चोट से जुड़े मामलों में तुरंत यात्रा करना जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें शहर बदलने या लंबी फ्लाइट लेने से मना किया है। हम लगातार उनकी रिकवरी पर नजर रख रहे हैं और 18 नवंबर तक स्थिति पूरी तरह साफ होगी।”

टीम इंडिया बुधवार को गुवाहाटी के लिए उड़ान भरेगी, जहां शनिवार से दो मैचों की सीरीज का दूसरा और निर्णायक टेस्ट खेला जाना है। पहले टेस्ट में भारतीय टीम चौथी पारी में 124 रन के छोटे लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई थी और 30 रन से हार गई थी। गिल की अनुपस्थिति ने उस मैच में भी टीम की बल्लेबाजी को कमजोर किया था और अब दूसरे टेस्ट से पहले उनका बाहर होना भारत के लिए समस्या खड़ी कर सकता है।

गिल की मेडिल रिपोर्ट का इंतजार
अगर शुभमन गिल समय पर फिट नहीं होते, तो टीम इंडिया के पास बी. साई सुदर्शन और देवदत्त पडिक्कल को शामिल करने का विकल्प मौजूद है। दोनों युवा बल्लेबाज घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन टेस्ट स्तर पर यह उनके लिए बड़ी परीक्षा होगी। अब सभी निगाहें मेडिकल रिपोर्ट पर टिकी हैं, क्योंकि कप्तान का बाहर होना भारत की रणनीति और बल्लेबाजी संतुलन पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।



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