सरकारी विमान का ऐसा दुरुपयोग

NFA@0298
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भाजपा शासित राज्यों में हिंदू धर्म गुरुओं और बाबाओं की सरकारी खातिरदारी में नया कुछ नहीं है। लेकिन छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने बागेश्वार धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के लिए जिस तरह से सरकारी विमान मुहैया कराया है, उससे सरकार की प्राथमिकताओं का पता चलता है।

चूंकि नियमानुसार धीरेंद्र शास्त्री सरकारी विमान में सफर करने के हकदार नहीं हैं, इसलिए उन्हें सतना से रायपुर लाने के लिए बकायदा राज्य सरकार के एक मंत्री गुरु खुशवंत साहेब को वहां भेजा गया।

दरअसल सरकारी विमान के इस दुरुपयोग के बारे में तब ध्यान गया जब कुछ लोगों ने मंत्री महोदय के कार्यक्रम से संबंधित अधिकृत जानकारी सोशल मीडिया पर साझा कर दी, जिससे पता चला कि मंत्री महोदय को लेकर सतना पहुंचा सरकारी विमान वहां महज आधे घंटे रुका और धीरेंद्र शास्त्री को लेकर वापस आ गया!

सवाल यही है कि आखिर मंत्री महोदय किस जरूरी काम से आधे घंटे के लिए सतना गए थे?

याद दिलाने की जरूरत नहीं कि जिस छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने धीरेंद्र शास्त्री के लिए विमान मुहैया कराया है, वहां एक दिन पहले क्रिसमस के मौके पर हिंदू संगठनों ने ईसाइयों पर हमले किए और एक माल में तोड़फोड़ कर क्रिसमस की तैयारियों को तहस-नहस कर दिया था।

यह ठीक है कि सरकारी विमानों का ऐसा दुरुपयोग कोई नया नहीं है, जब किसी अपात्र व्यक्ति के लिए यह सुविधा मुहैया कराई गई हो। लेकिन अतीत की ऐसी घटनाओं का हवाला देकर एक गलत परंपरा को जायज तो नहीं ठहराया जा सकता?

पिछले कुछ बरसों में धीरेंद्र शास्त्री का जिस तरह का उभार हुआ है और केंद्र से लेकर राज्य की भाजपा सरकारें उन्हें जैसा महत्व दे रही हैं, उसमें यह भी समझने की जरूरत नहीं है कि बात सिर्फ विमान सुविधा की नहीं है। विमानतल पर जिस तरह से एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें चरण स्पर्श किया वह भी कैमरे में कैद हो गया है।

यह एक अलग विमर्श का विषय है कि आखिर सरकारी ड्यूटी करते हुए कोई अधिकारी सार्वजनिक रूप से ऐसा व्यवहार कर सकता है। इस क्रम में यह भी ध्यान आता है कि कुछ समय पूर्व पश्चिम बंगाल में जब एक आईपीएस अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से ममता बनर्जी के पैर छुए थे तो काफी विवाद हुआ था।

दरअसल आज धीरेंद्र शास्त्री की जो हैसियत है, उसके लिहाज से तो उनके लिए निजी चार्टर विमानों की लाइन लग सकती है। असल में सवाल सरकार की प्राथमिकता का है। सवाल शुचिता और पारदर्शिता का है।



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