छत्तीसगढ़ में आरक्षण विवाद : शासन पर न्यायालय के आदेशों की अनदेखी का आरोप
28-Dec-2025 10:30 PM
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 जनवरी । छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मुद्दे पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें राज्य शासन पर माननीय न्यायालयों के आदेशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया जा रहा है।
गुरु घासीदास सेवा समिति द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने वर्ष 2012 में तत्कालीन रमन सरकार द्वारा जारी आरक्षण अधिसूचना को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। इस अधिसूचना में SC का आरक्षण 16% से घटाकर 12% और ST का आरक्षण 20% से बढ़ाकर 32% किया गया था।
माननीय उच्च न्यायालय के इस निर्णय के बावजूद, राज्य शासन ने 58% आरक्षण जारी रखने का आदेश जारी कर दिया, जिसे अब सवालों के घेरे में लाया जा रहा है। आरोप है कि शासन के IAS अधिकारियों द्वारा न्यायालय के आदेशों की अनदेखी की जा रही है और स्वयं को उच्च न्यायालय से बड़ा मानते हुए कार्य किया जा रहा है।
इस मामले में आगे क्या होगा, यह देखना होगा, लेकिन इतना तय है कि यह विवाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है।

