
सहजनवां।रेनेसां यूनिवर्सल के तत्वावधान में मुरारी इंटर कॉलेज परिसर में “स्मृति संवर्धन में जैव मनोविज्ञान की भूमिका” विषय पर एक भव्य, व्यापक एवं अत्यंत ज्ञानवर्धक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के हजारों छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की और विषय से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आचार्य सिद्धविद्यानंद अवधूत ने जैव मनोविज्ञान विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थियों के लिए ध्यान साधना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि पठन-पाठन में स्मरण शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नियमित ध्यान अभ्यास से स्मरण शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। उन्होंने यह भी बताया कि विद्यार्थियों को प्रतिदिन दैनिक जीवन में आसन का अभ्यास अवश्य करना चाहिए, जिससे शरीर स्वस्थ रह सके और मानसिक संतुलन बना रहे।
आचार्य जी ने शरीर के भीतर स्थित अंतःस्रावी ग्रंथियों के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि इन्हीं ग्रंथियों से हार्मोन का स्राव होता है। यदि हार्मोन का स्राव असंतुलित हो जाए तो उसका सीधा प्रभाव हमारे मन पर पड़ता है, जिससे अनेक नकारात्मक प्रवृत्तियाँ उत्पन्न होती हैं। इन नकारात्मक प्रभावों पर नियंत्रण के लिए योग साधना अत्यंत महत्वपूर्ण माध्यम है।
उन्होंने विद्यार्थियों को चेतन, अवचेतन और अचेतन मन की अवधारणा से भी परिचित कराया और बताया कि इन तीनों मन की सही समझ व्यक्ति के मानसिक विकास और स्मृति संवर्धन में सहायक होती है।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने यह भी बताया कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली, भावनात्मक संतुलन, एकाग्रता और जीवनशैली स्मरण शक्ति को गहराई से प्रभावित करती है। विद्यार्थियों को स्मृति मजबूत करने के लिए संतुलित आहार, सकारात्मक सोच, नियमित अभ्यास और अनुशासित दिनचर्या अपनाने की प्रेरणा दी गई।
कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं ने विषय से संबंधित कई प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के प्रधानाचार्य मेजर साकेत जी ने किया, इस दौरान विद्यालय के छात्र छात्राओं सहित सभी अध्यापक उपस्थित रहे।

