नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को अखलाक मॉब लिंचिंग मामले में बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कहा है कि हत्यारोपियों के खिलाफ मामला चलता रहेगा। यह लिंचिंग नोएडा के दादरी के बिसाहड़ा गांव में 2015 में हुई थी।
अदालत के इस फैसले के बाद अखलाक हत्याकांड में आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी। नोएडा स्थित सूरजपुर की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने को लेकर शासन की ओर से दाखिल याचिका को सूरजपुर कोर्ट ने खारिज कर दिया।अदालत में सुनवाई कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा केस वापस लेने के लिए लगाई गई अर्जी को महत्वहीन और आधारहीन मानते हुए निरस्त कर दिया।
इस बीच यूपी की योगी सरकार के केस वापस लेने के फैसले के खिलाफ मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। मृतक मोहम्मद अखलाक की पत्नी इकरामन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सरकार द्वारा ट्रायल कोर्ट में केस वापसी के आवेदन को चुनौती दी गई थी। इकरामन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
अखलाक की विधवा द्वारा ADM, संयुक्त निदेशक अभियोजन और DGC के आदेशों को भी चुनौती दी गई है. याचिका में केस वापसी की सिफारिश को गैरकानूनी बताया गया था. याचिका में 21 लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है।
28 सितंबर 2015 को मोहम्मद अखलाक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या की थी। हत्या के आरोप में 18 लोग आरोपी बनाए गए थे। फिलहाल 14 आरोपी जमानत पर बाहर हैं। शीतकालीन अवकाश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच सुनवाई करेगी।

