पाकिस्तान के टुकड़े करने वाली इंदिरा गांधी को क्यों भूल गयी BJP

NFA@0298
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लेंस डेस्‍क। भारत के लिए 16 दिसंबर का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन भारतीय जवानों ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था। इसलिए इसे विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

इसी दिन पूर्वी पाकिस्तान हमेशा के लिए नक्शे से मिट गया और बांग्लादेश के तौर पर एक नए स्वतंत्र राष्ट्र का उदय हुआ था। तभी से भारतीय हर साल 16 दिसंबर को साल 1971 में पाकिस्तान पर फतह की याद में विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उस समय इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं।

आज विजय दिवस के मौके पर पाकिस्‍तानी सेना के आत्‍मसमर्पण की तस्‍वीरें। सोशल मीडिया पर शेयर की गईं। कांग्रेस और बीजेपी ने भी विजय दिवस पर भारतीय सेना के साहस को याद किया।

कांग्रेस ने इंदिरा गांधी की तस्‍वीरें भी शेयर कीं जिसमें पाकिस्‍तान सेना के लेफ्टिनेंट जनरल नियाज़ी के भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने सरेंडर की तस्‍वीरों के साथ इंदिरा गांधी को भी तस्‍वीरों के जरिए याद किया।

वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने भी विजय दिवस पर 1 मिनट 15 सेकेंट का वीडियो शेयर किया, जिसमें भारतीय सेना के बांग्‍लादेश में हुए सैन्‍य अभियान की तस्‍वीरें और वीडियो हैं। लेकिन इस वीडियो में इंदिरा गांधी की न तो एक भी तस्‍वीर या उनके बयान हैं, जो उस समय उन्‍होंने दिए थे।

तो क्‍या विजय दिवस के बहाने बीजेपी ने इतिहास को भुलाने या जानबूझकर भूलने की सियासत को तेज कर दिया है?



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