तेजस्वी यादव बने महागठबंधन का

NFA@0298
3 Min Read


बिहार । Bihar Elections: बिहार की सियासत में हलचल तेज़ हो गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किए जाने की खबर सामने आते ही, एनडीए ने तीखा हमला बोल दिया है।
विपक्षी दलों के बीच बयानबाज़ी का दौर शुरू हो गया है, जबकि कांग्रेस की ओर से भी संकेत दिए जा रहे हैं कि आने वाले समय में बड़े राजनीतिक उलटफेर संभव हैं।

 जदयू का तंज — “एनडीए का विजय रथ बहुत आगे निकल चुका है”

जदयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा —

– Advertisement –
Ad image

“महागठबंधन की स्थिति में सुधार नहीं होगा, चाहे वे कितनी भी कोशिश कर लें। एनडीए का विजय रथ बहुत आगे बढ़ चुका है, और महागठबंधन कहीं नज़र नहीं आ रहा है। तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरा बनें या नहीं, महागठबंधन चुनाव हार जाएगा।”

राजीव रंजन के इस बयान के बाद एनडीए खेमे में आत्मविश्वास झलक रहा है, वहीं महागठबंधन के नेताओं ने इसे राजनीतिक निराशा बताया है।

 भाजपा बोली — “जो चाहे कर लें, कुछ नहीं होने वाला”

महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी करारा वार किया।
उन्होंने कहा —

– Advertisement –
Ad image

“बिहार की जनता राजनीतिक दलों की हर गतिविधि पर नज़र रख रही है। ‘महागठबंधन’ में अंदरूनी कलह है। जो दल सीटों का बंटवारा नहीं कर पा रहे, वे सरकार क्या चलाएंगे?”

उन्होंने आगे कहा —

“तेजस्वी यादव जब दिल्ली में राहुल गांधी से मिलने गए थे और राहुल का उनके प्रति रवैया देखा गया, उसी दिन तय हो गया था कि कांग्रेस और राजद की दोस्ती दिखावे की है। कांग्रेस नहीं चाहती कि राजद उससे आगे निकले।”

“आगे-आगे देखिए होता है क्या…” बोले भूपेश बघेल

इस पूरे घटनाक्रम पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने भी टिप्पणी की।
उन्होंने कहा —

“थोड़ा इंतज़ार कीजिए और प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखिए होता है क्या…”

इसके साथ ही उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा —

“भारत निर्वाचन आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। उसे सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों पर चर्चा करनी चाहिए थी। अब वह केंद्र सरकार के अधीन विभाग जैसा व्यवहार कर रहा है।”



Source link

Share This Article
Leave a Comment