जब चाय मीटिंग में साथ बैठे पीएम मोदी और प्रियंका गांधी, जानिए क्‍या बात हुई?

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नई दिल्‍ली। संसद के शीतकालीन सत्र की समाप्ति पर आज सत्‍ता पक्ष और विपक्ष एक साथ चाय पर चर्चा मीटिंग पर बैठे। यह नजारा सदन के हंगामे से बिल्‍कुल उलट था। इससे पहले मानसून सत्र की समाप्ति पर भी चाय मीटिंग बुलाई गई थी, जिसका बहिष्‍कार कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित तमाम विपक्षी सांसदों ने किया था।  

संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन तीखी बहसों और हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। इसके तुरंत बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कक्ष में एक पारंपरिक चाय बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस की नई सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई विपक्षी नेता शामिल हुए।

इस बैठक में वायनाड से पहली बार सांसद बनीं प्रियंका गांधी राजनाथ सिंह के बगल में बैठीं और उनके साथ चाय की चुस्कियां लेती नजर आईं। उनके अलावा समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव, एनसीपी (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले और सीपीआई के डी राजा जैसे विपक्षी नेता भी मौजूद थे। गौरतलब है कि मॉनसून सत्र के समापन पर आयोजित ऐसी ही बैठक में राहुल गांधी नहीं पहुंचे थे, लेकिन इस बार प्रियंका ने शिरकत कर कांग्रेस की ओर से सकारात्मक संदेश दिया।

प्रियंका गांधी ने मीटिंग में क्‍या कहा?

एनडीटीवी की खबर के अनुसार, बैठक के दौरान माहौल काफी हल्का-फुल्का रहा। प्रियंका गांधी ने बताया कि वे एलर्जी से बचने के लिए वायनाड से लाई गई एक विशेष जड़ी-बूटी का सेवन करती हैं। उनकी यह बात सुनकर पीएम मोदी और राजनाथ सिंह मुस्कुरा पड़े। प्रियंका ने प्रधानमंत्री से उनके हालिया विदेश दौरे के बारे में भी पूछा, जिस पर मोदी ने संक्षिप्त में कहा कि यात्रा अच्छी रही।

इसी बीच धर्मेंद्र यादव ने टिप्पणी की कि सत्र को थोड़ा और लंबा चलाया जा सकता था। जवाब में पीएम मोदी ने हंसते हुए कहा कि सत्र इसलिए छोटा रखा गया ताकि उनके गले में दर्द न हो। यह व्यंग्य धर्मेंद्र के सदन में जोरदार नारेबाजी करने के अंदाज पर था, जिसे सुनकर सभी ठहाके लगाने लगे और वातावरण खुशनुमा हो गया।

यह चाय बैठक करीब 20 मिनट चली। हर सत्र के अंत में स्पीकर की ओर से आयोजित यह परंपरा लोकतंत्र की स्वस्थ परिपाटी को दर्शाती है। पिछले सत्र में विपक्ष ने इसका बहिष्कार किया था, लेकिन इस बार सभी की मौजूदगी ने सकारात्मक मिसाल कायम की।

कैसा रहा शीतकालीन सत्र

संसद के शीतकालीन के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 15 बैठकों वाले इस सत्र को सफल बताया और सदन की उत्पादकता 111 प्रतिशत रही। राज्यसभा में 92 घंटे काम हुआ, जिससे उत्पादकता 121 प्रतिशत दर्ज की गई।

इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए, जिनमें विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक 2025 शामिल है, जो मनरेगा की जगह लेगा।

वायु प्रदूषण और बीमा कानून संशोधनों पर भी चर्चा हुई। सत्र समाप्ति के बाद संसद परिसर में सत्ता और विपक्ष के नेता एक साथ नजर आए, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी शामिल थे। अब अगला सत्र 2026 में बजट सत्र के साथ शुरू होगा।

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