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कौशाम्बी। जिले में पर्यावरण संरक्षण और गंगा स्वच्छता को लेकर जिलाधिकारी डॉ. अमित पाल ने बड़ा कदम उठाया है। उनकी अध्यक्षता में आयोजित जिला पर्यावरण समिति एवं जिला गंगा समिति की बैठक में, जिलाधिकारी ने प्रभागीय वनाधिकारी को शेष सभी ग्राम पंचायतों में भी ‘ग्रीन चौपाल’ का गठन करने और उनकी नियमित रूप से बैठक कराने के सख्त निर्देश दिए हैं। यह पहल ग्रामीण स्तर पर पर्यावरण जागरूकता और स्थानीय मुद्दों के समाधान में गेम चेंजर साबित हो सकती है।बैठक के दौरान, जिलाधिकारी डॉ. पाल ने विशिष्ट वनों के संरक्षण की कार्यवाही की समीक्षा की और विशेष रूप से पौधों के संरक्षण पर ध्यान देने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि बाकी बचे वेटलैण्ड (आर्द्रभूमि) पर साइन बोर्ड लगाने का कार्य भी तुरंत पूरा किया जाए। गंगा घाटों की स्वच्छता और युवाओं की भागीदारी गंगा स्वच्छता को लेकर जिलाधिकारी ने एक बृहद जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया, जिसमें युवाओं को अनिवार्य रूप से शामिल करने पर बल दिया गया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जो नगर निकाय नाला/नालियों पर फाइटोरिमेडियेशन (पौधों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण) का कार्य नहीं करा रहे हैं, उनके संबंधित अधिशासी अधिकारियों से तुरंत स्पष्टीकरण मांगा जाए। जिला गंगा समिति के सदस्य विनय पंडा की मांग पर, जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी कड़ाधाम को कुबरी घाट पर गंदगी करने वालों के विरुद्ध जुर्माना लगाने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विनोद राम त्रिपाठी और मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे। जिलाधिकारी का यह निर्देश, जिले में पर्यावरण और गंगा नदी के किनारे के वातावरण को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।


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