इ डी व इओयू की रिपोर्ट दरकिनार कर बालू माफियाओं को बचाने के लिए खनन पदाधिकारी व पुलिस ने किया महा पाप

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किसी के दबाव में नहीं किया कमजोर केस, थानाध्यक्ष ने लगाया है धारा , आवेदन में सभी रिपोर्ट किया गया था संलग्न – एमडीओ 

 

रवीश कुमार मणि 

 

पटना । 09 दिसंबर ( तरूणमित्र ) । डिप्टी सीएम सह गृहमंत्री सम्राट चौधरी व डिप्टी सीएम सह खनन मंत्री विजय कुमार सिन्हा लगातार मीडिया में बयान देते नज़र आ रहें हैं की किसी बालू माफिया को नहीं छोड़ा जाएंगा । कैसे करेंगे कार्रवाई साहब, आपका पुरा का पुरा सिस्टम बालू माफियाओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा है , तभी तो इ डी व इओयू के रिपोर्ट को दरकिनार कर खनन पदाधिकारी बांका व थानाध्यक्ष बांका ने बालू माफिया मनोज कुमार पचसीया व अन्य को बचाने के लिए कमजोर केस किया और 131 करोड़ रूपए के बातें को साजिश के तहत छुपाया ताकि आरोपी को लाभ मिल सकें और ऐसा हुआ भी । 

 

ई डी ने खनन विभाग के प्रधान सचिव व डीजीपी को कार्रवाई के लिए लिखा पत्र 

 

बांका जिला में बालू खनन के लिए राजस्थान की कम्पनी महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड को बंदोबस्ती मिला था ।अवैध करने को लेकर वर्ष 2017-2018 में महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर मनोज कुमार पचसिया पर 08 एफ़आइआर क्रमशः 103/18 , 104/18 , 105/18, 106/18, 107/18, 58/18, 558/17, 742/17 दर्ज किया गया । उक्त कंपनी पर 33 करोड़ का फाइन लगाया गया । चुकी फाइन की रकम कम था कंपनी ने दिनांक 11-02-2023 को लोक अदालत में मामला ले जाकर एक ही दिन में ( कांड संख्या 742/17 छोड़कर ) एक साथ 07  केसों का निपटारा करा लिया । 

        इ डी ( प्रवर्तन निदेशालय ) पटना को इसकी भनक लग गयी की अवैध खनन का आरोपी महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड को कम फाइन कर बचाया गया है । इ डी ने आईआईटी पटना से जांच कराया तो पता चला की महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2016 से 2021 तक में 47 लाख 98 हज़ार 396  एम टी का अवैध खनन किया है और इसका मूल फाइन 131 करोड़ 43 लाख 20 हज़ार 058 रूपया है । 

        जब मामला स्पष्ट हो गया और सबूत सामने आ गया तो इ डी के क्षेत्रीय कार्यालय पटना के ज्वाइंट डायरेक्टर सत्यकाम दत्ता ने फाइल नंबर- ECIR / PTZO/ 07/2024 / 2330 , दिनांक 15.07.2025 के द्वारा सीधे प्रबंध निदेशक , सचिव सह आयुक्त व डायरेक्टर खनन विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा एवं डीजीपी बिहार को कॉपी देकर सूचित किया गया । इडी रिपोर्ट के अनुसार सीधे तौर अवैध खनन का आरोपी महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर मनोज कुमार पचसिया और अन्य को बनाया गया है , और स्पष्ट किया की एक फ़्रेश एफ़आइआर सुसंगत धारा 420/ 387/ 411/ 120( B ) IPC Act एवं MMDR Act 1957 , BMMC Rules 1972 और पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम 1986 एवं PMLA की धारा 66( 2 ) के तहत दर्ज किया जाएं । 

 

ईओयू ने 45 पृष्ठों का रिपोर्ट कार्रवाई के लिए डीएम बांका को भेजा , PMLA की धारा – 66( 2 ) का स्पष्ट उल्लेख , प्रबंध निदेशक को भी किया गया सूचित 

 

इ डी रिपोर्ट से ख़ुलासा हो चुका की बांका जिला में महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड ने 131 करोड़ का अवैध खनन कर सरकारी राजस्व की चोरी किया है । आर्थिक अपराध इकाई ( इओयू ), के एसपी ने पत्रांक 5470 दिनांक- 13/08/25 को ज़िलाधिकारी बांका को सीधे तोर पर पत्र लिखा PMLA की धारा 66( 2 ) के तहत उपलब्ध करायी गई सूचना के आलोक में अग्रतर कार्रवाई करते हुए आर्थिक अपराध इकाई को कार्रवाई की प्रति उपलब्ध कराया जाएं । आर्थिक अपराध इकाई ने कुल 45 पृष्ठों का पत्र संलग्न करते हुए ज़िलाधिकारी बांका को लिखा । ईओयू के आलोक में बांका ज़िलाधिकारी नवदीप शुक्ला ने पत्रांक 1490 दिनांक 19/08/25 के द्वारा खनिज विकास पदाधिकारी सह खनन पदाधिकारी- बांका को निर्देश दिया की महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड के विरूद्ध विधि- सम्मत कार्रवाई करें । 

 

131 करोड़ का आरोपी बालू माफिया मनोज कुमार पचसिया को बचाने के लिए किया कमजोर केस 

 

इ डी के रिपोर्ट पर ईओयू ने कुल 45 पृष्ठों का पत्र भेजते हुए स्पष्ट किया की 131 करें का आरोपी बालू माफिया मनोज कुमार पचसिया पर PMLA की धारा 66( 2 ) एवं आईपीसी की धारा 420/387/411/120 ( बी ) एमएमडीआर एक्ट 1957, बीएमएमसी रूल्स 172 , पर्यावरण सुरक्षा 1986 की धारा के तहत एफ़आइआर किया जाएं । ज़िलाधिकारी बांका के निर्देश पर जिला खनन निरीक्षक हरिओम ओझा ने महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर मनोज कुमार पचसिया व अन्य के खिलाफ एफ़आइआर दर्ज करने के लिए दिनांक 21/08/25 को आवेदन दिया । एफ़आइआर के लिए दिए गये आवेदन के साथ डीएम बांका का पत्र – 1 पृष्ठ, आर्थिक अपराध इकाई का पत्र- 2 पृष्ठ एवं इ डी का पत्र- 03-80 पृष्ठ संलग्न किया गया है । खनन निरीक्षक बांका के द्वारा  दिये गये तहरीर ( एफ़आइआर आवेदन) के अंतिम पारा पर गौर करें  लिखा है की महादेव प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन निदेशक मनोज कुमार पचसिया व अन्य निदेशकों जो बांका जिला अंतर्गत वर्ष 2015-21 तक की अवधि के लिए संपूर्ण बालू घाट के बंदोबस्ती थे , के विरूध्द BMMC Rules 1972 के नियम 40, बिहार खनिज ( समानुदान अवैध खनन परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियमावली 2019 के नियम 56 एवं BNS/ IPC के सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने की कृपा की जाएं । खनन निरीक्षक हरिओम ओझा द्वारा एफ़आइआर के लिए दिए गये आवेदन में कहीं भी अवैध खनन से 131 करोड़ के नुक़सान की बातें नहीं लिखी गयी हैं और न फर्जीवाड़ा व बालू चोरी / बरामद की बातें अंकित किया गया है । खनन निरीक्षक ने 131 करोड़ के अवैध बालू खनन के आरोपी महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर मनोज कुमार पसचिया एवं अन्य निदेशकों को बचाने के लिए सही तथ्यों को छुपाया गया ताकि कमजोर एफ़आइआर हो सकें । इसके बावजूद खनन पदाधिकारी का दावा है की मैंने किसी के दबाव में कमजोर तहरीर नहीं दिया फिर सवाल है की आपने एफ़आइआर के लिए दिए आवेदन में 131 करोड़ के अवैध खनन की बातें क्यों नहीं लिखी । 

    

कौन होता है इ डी / इओयू मैं जो चाहूंगा वहीं होगा, बालू माफिया के साथ है तो हैं … 

 

131 करोड़ के अवैध बालू खनन का मुख्य आरोपी महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर मनोज कुमार पचसिया को बचाने में थानाध्यक्ष बांका का अहम किरदार है । ऐसा कहीं से नहीं माना जा सकता है की एफआईआर करने के पूर्व आवेदन में संलग्न पेपरों का अवलोकन नहीं किया होगा । जबकि एफ़आइआर के लिए दिए गये आवेदन में इ डी की रिपोर्ट और इओयू का पत्र संलग्न है । जब इ डी की रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा हुआ है की 131 करोड़ के अवैध खनन का आरोपी महादेव इंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज कुमार पचसिया पर  PMLA की धारा 66( 2 ) एवं आईपीसी की धारा 420/387/411/120 ( बी ) एमएमडीआर एक्ट 1957, बीएमएमसी रूल्स 172 , पर्यावरण सुरक्षा 1986 की धारा के तहत एफ़आइआर किया जाएं। जबकि थानाध्यक्ष बांका ने आरोपी मनोज कुमार पचसिया को बचाने के लिए बहुत कमजोर और ज़मानती धारा – 40 BMMC Rules 1972 व 56 अवैध खनन 2019 व अमेंडमेंड धारा 2024 में केस दर्ज किया गया है । थानाध्यक्ष बांका यह कहें की मेरी मिलीभगत नहीं है तो इ डी रिपोर्ट में लिखी गई धारा को आपने नहीं पढ़ा, नहीं देखा । आख़िर कैसे देखेंगे थानाध्यक्ष महोदय बालू माफिया मनोज कुमार पचसिया को लाभ पहुँचाने के लिए आपके आँखों में पट्टी जो बांध दिया था । एमडीओ तो कहं रहे हैं मुझपर कोई दबाव नहीं था क्या थानाध्यक्ष महोदय आप पर भी कोई दबाव नहीं था ? 



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