बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर पिछले कुछ बरसों से सवाल उठते रहे हैं, लेकिन 15 दिसंबर को आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र देते समय उन्होंने जिस तरह से एक मुस्लिम महिला डॉक्टर के चेहरे से हिजाब खींचने की हरकत की है, उसके बाद उनका अपने पद पर बने रहना न तो उनके स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक है और न ही उनके पद की गरिमा के अनुकूल है।
यह खबर सचमुच दुखद है कि इस घटना के बाद वह महिला डॉक्टर बहुत आहत हैं और उन्होंने नौकरी छोड़ने का इरादा कर लिया है।
सार्वजनिक रूप से अपनी विचित्र हरकतों के कारण नीतीश पहले भी खबरों में रहे हैं। यहां तक कि दो साल पहले बिहार विधानसभा में परिवार नियोजन पर चर्चा के दौरान उन्होंने जिस तरह से अपने भाषण में पति-पत्नी के संबंधों पर बात करते हुए सीमा लांघ दी थी, उसके बाद ही उनके स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल उठे थे।
नीतीश कुमार उम्र के जिस पड़ाव में हैं, वहां उनका अस्वस्थ होना अनहोना नहीं है। आखिर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और खुद नीतीश के कभी राजनीतिक गुरु रहे जॉर्ज फर्नांडीज लंबे समय तक अस्वस्थ रहे थे और इसी वजह से वे सार्वजनिक जीवन से अलग भी हो गए थे।
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनके स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठे थे, इसके बावजूद एनडीए ने उन्हें दसवीं बार मुख्यमंत्री बनाया है। यह फैसला जिन भी राजनीतिक कारणों से लिया गया हो, यह नीतीश कुमार के साथ ही बिहार की जनता पर ज्यादती है।
यह चिंता इसलिए भी होनी चाहिए, क्योंकि नीतीश कुमार की ताजा हरकत ने एक महिला की गरिमा को गंभीर रूप से ठेस पहुंचाई है। कल्पना की जा सकती है कि यदि यही हरकत कोई और करता तो संभवतः उसे अब तक जेल के सींखचों के पार भेज दिया जाता।
किसी भी सभ्य समाज में ऐसी घटना की कोई जगह नहीं होनी चाहिए, लेकिन पिछले कुछ बरसों के दौरान मुस्लिमों के प्रति नफरत ने किस तरह का उन्माद पैदा कर दिया है कि इस कार्यक्रम में मौजूद किसी भी व्यक्ति को मुख्यमंत्री की इस बेहद आपत्तिजनक हरकत पर कोई एतराज नहीं हुआ!
यह एक बीमार होते समाज के लक्षण हैं, जहां एक महिला की गरिमा को आहत करने वाली हरकत पर लोग हंसते नजर आए हैं।
उत्तर प्रदेश के एक मंत्री संजय निषाद के इस बयान में नफरत की इस बीमारी के लक्षण देखे जा सकते हैं, जिसमें वह यह कहते नजर आ रहे हैं कि नीतीश ने कहीं और छुआ होता तो क्या होता!
चाल चरित्र और नैतिकता की बात करने वाली भाजपा क्या अपने इस मंत्री पर कोई कार्रवाई करेगी?

