पाटन। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 15 नवंबर से सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से शुरू कर दी गई है, लेकिन टोकन वितरण की व्यवस्थाएँ किसानोें के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं। धान बेचने के लिए आवश्यक ऑनलाइन और ऑफलाइन टोकन दोनों ही प्रक्रियाएँ अव्यवस्था का शिकार हैं, जिसके चलते किसान रातभर समिति के बाहर डेरा डालने को मजबूर हैं।

ऑनलाइन टोकन में सर्वर की बड़ी समस्या….
ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों ने बताया कि ऑनलाइन टोकन प्राप्त करने के लिए वे बार-बार पोर्टल में लॉगिन करने की कोशिश करते हैं, परंतु सर्वर बार-बार डाउन हो जाता है या लोड अधिक होने से पेज खुलता ही नहीं। कई किसानों ने शिकायत की कि घंटों प्रयास करने के बाद भी टोकन डाउनलोड नहीं हो पाता, जिससे उनकी खरीदी की तारीख आगे बढ़ जाती है।
ऑफलाइन टोकन में लिमिट पूरी होने की समस्या….
वहीं दूसरी ओर, जिन समितियों में ऑफलाइन टोकन दिए जा रहे हैं, वहाँ रोजाना टोकनों की संख्या सीमित रखी गई है। रोज सुबह से ही लंबी कतारें लग जाती हैं, लेकिन निर्धारित कोटा पूरा हो जाने पर कई किसान पूरे दिन इंतजार करने के बाद भी खाली हाथ लौट जाते हैं।

पतोरा के किसान पुरेंद्र जांगड़े,पुरुषोत्तम, यामन साहू सहित अन्य का कहना है कि ऑनलाइन टोकन नहीं मिलने के कारण ऑफलाइन टोकन के लिए उन्हें सेलूद सोसायटी में आधी रात से ही लाइन में लगना पड़ रहा है, ताकि सुबह उन्हें नंबर मिल सके।
किसानों में आक्रोश, प्रशासन से सुधार की मांग….
किसानों ने बताया कि यदि ऑनलाइन सर्वर ठीक चले तो उन्हें लाइन में लगने की जरूरत ही न पड़े, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के कारण ऑनलाइन टोकन मिलना मुश्किल हो रहा है। साथ ही, ऑफलाइन टोकन की संख्या बढ़ाए बिना समस्या का समाधान नहीं हो सकता।

