नई दिल्ली। Bollywood: बॉलीवुड के इतिहास में कई गाने ऐसे हुए हैं जिन्होंने फिल्म से ज्यादा चर्चा बटोरी, लेकिन ‘चोली के पीछे क्या है’ जैसा क्रेज़ शायद ही किसी और गीत ने पाया हो। 1993 में रिलीज़ हुई सुभाष घई की फिल्म ‘खलनायक’ न सिर्फ़ साल की सबसे बड़ी हिट बनी, बल्कि इसके संगीत ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिए। फिल्म में संजय दत्त, माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ मुख्य भूमिकाओं में थे और संगीत दिया था मशहूर जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने, जबकि गीत लिखे थे आनंद बख्शी ने।


जब एक लाइन ने हिला दी फिल्म इंडस्ट्री
एक इंटरव्यू में सुभाष घई ने बताया कि जब वह लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और आनंद बख्शी के साथ बैठकर गाने की रूपरेखा तय कर रहे थे, तब बख्शी साहब ने उनसे पूछा — “किस तरह का गाना चाहिए?”
सुभाष घई ने सीन समझाया — “एक महिला पुलिस अधिकारी खलनायक को रिझाने की कोशिश कर रही है।”
बस फिर क्या था, आनंद बख्शी ने लिखा — “चोली के पीछे क्या है”
यह लाइन सुनते ही सुभाष घई इतने चौंक गए कि उनके हाथ से पेन गिर गया!

जब बख्शी ने अगली लाइन सुनाई —
“चोली में दिल है मेरा, जो दिल मैं दूंगी अपने यार को, प्यार को।”
तो माहौल सन्न रह गया। सबको समझ आ गया कि यह गाना इतिहास रचने वाला है।
एक हफ्ते में 1 करोड़ कैसेट की बिक्री!

रिलीज़ के बाद इस गाने ने देशभर में धूम मचा दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ़ एक हफ्ते में 1 करोड़ से ज़्यादा ऑडियो कैसेट बिक गए — जो अपने समय का रिकॉर्ड था। हर गली-मोहल्ले में यह गाना गूंजने लगा और माधुरी दीक्षित का डांस आइकॉनिक बन गया।
विवाद और सफलता साथ-साथ
गाने की बोल्ड लाइनों को लेकर विवाद भी हुआ। कई संगठनों ने गाने पर प्रतिबंध की मांग की, लेकिन जनता ने इसे खुले दिल से अपनाया।
सुभाष घई ने खुद बताया कि उन्होंने ‘खलनायक’ का कोई ज़ोरदार प्रमोशन नहीं किया, क्योंकि संजय दत्त की कानूनी परेशानियों के चलते फिल्म पहले से ही चर्चा में थी।
“मार्केटिंग के लिए 15 दिन थे, लेकिन मीडिया कवरेज इतना ज्यादा मिला कि प्रमोशन की ज़रूरत ही नहीं पड़ी,” सुभाष घई ने हंसते हुए कहा था।
आज भी अमर है ‘चोली के पीछे क्या है’

तीन दशक बाद भी यह गीत बॉलीवुड के सबसे आइकॉनिक और विवादित गानों में गिना जाता है। यह गाना साबित करता है कि कभी-कभी सिर्फ़ एक लाइन ही इतिहास रच सकती है।


